कभी जूते पॉलिश कर करते थे गुजारा, अब बनें इंडियन आइडल 11 के विनर, प्रेरणादायी है कहानी

सनी हिंदुस्तानी मूल रुप से पंजाब के बठिंडा के रहने वाले हैं, उन्होने अपने पहले अपीयरेंस में ही जजों को प्रभावित किया था।

New Delhi, Feb 24 : कभी सड़क किनारे दूसरों के जूते पॉलिश कर गुजारा करने वाले सनी हिंदुस्तानी ने इंडियन आइडल 11 जीत लिया है, सनी ने शो के शुरुआत में ही बताया था कि उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, इसी वजह से वो जूते पॉलिश करने का काम करते हैं, ताकि परिवार का गुजारा हो सके, सनी ने बताया था कि उनकी मां दूसरे के घरों में बर्तन धोने का काम करती हैं, जिससे उनका घर चल पाता है, सनी के संघर्ष की कहानी सुनकर शो के जज भी भावुक हो गये थे।

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पंजाब के बठिंडा से हैं सनी
आपको बता दें कि सनी हिंदुस्तानी मूल रुप से पंजाब के बठिंडा के रहने वाले हैं, उन्होने अपने पहले अपीयरेंस में ही जजों को प्रभावित किया था, शो को जज विशाल ददलानी ने उनकी तुलना नुसरत फतेह अली खां से कर दी थी, शो के शुरुआत में सनी ने बताया था कि जब वो इंडियन आइडल का ऑडीशन देने पहुंचे थे, तो बहुत डरे, सहमे और नर्वस थे, हालांकि इस शो के दौरान ही उन्हें कंगना रनौत की फिल्म पंगा में गाने का मौका मिला।

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गाने का मौका
सनी हिंदुस्तानी को शंकर महादेवन के साथ गाने गाना का मौका मिला, जिसे जावेद अख्तर ने लिखा है, शंकर ने बताया कि किस तरह उन्होने सनी की एक क्लिप सुनकर ही उनके साथ गाने का फैसला लिया था, सनी ने अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि शो पर जब भी कोई मेहमान आता था, तो उन्हें कुछ ना कुछ तोहफा देकर ही जाते थे, उन्होने बताया कि उनके लिये सबसे यादगार लम्हा वो था, जब मां स्पेशल एपिसोड में उनकी मां ने स्टेज पर आकर उन्हें गले लगाया था।

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संघर्ष का श्रेय
सनी हिंदुस्तानी ने कहा कि इंडियन आइडल द्वारा दिया गया नाम आज पूरी दुनिया जान रही है, उन्होने अपने संघर्ष का पूरा श्रेय अपनी मां को दिया, उन्होने कहा कि अब अंत तक जो भी होगा, अच्छा ही होगा, अब अंत में वो शो जीतकर लौट रहे हैं। सनी को सपोर्ट करने के लिये उनके पैरेंट्स भी शो में पहुंचे थे, उन्हें विनर घोषित करते ही उनका पूरा परिवार भावुक हो गया, आपको बता दें कि विनर घोषित होने पर इंडियन आइडल की ट्रॉफी के साथ उन्हें 25 लाख रुपये का ईनाम मिला, उनके बाद पहले और दूसरे रनरअप को 5-5 लाख रुपये दिये गये, पहले रनअप रोहित राउत रहे।