विराट कोहली की जिद ने टीम इंडिया को न्यूजीलैंड में कराया ‘शर्मिंदा’, कुछ और हो सकते थे नतीजे

विराट कोहली की गिनती दुनिया के सबसे आक्रामक खिलाड़ियों में की जाती है, वो हर समय मैदान पर उत्साह में नजर आते हैं।

New Delhi, Mar 02 : बांग्लादेश के खिलाफ 2, वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 टेस्ट मैचों की सीरीज जीतकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में बेहतरीन आगाज करने वाली टीम इंडिया का न्यूजीलैंड में पोल खुल गई, किवी टीम के खिलाफ विराट सेना 4 पारियों में सिर्फ एक बार ही 200 का आंकड़ा छू पाई, वेलिंग्टन में पहला टेस्ट मैच सिर्फ तीन दिन में हारने के बाद विराट कोहली की टीम दूसरा टेस्ट मैच सिर्फ ढाई दिन में हार गई, इस शर्मनाक प्रदर्शन की कई वजह है, लेकिन सबसे बड़ी वजह है टीम के कप्तान विराट कोहली की जिद जिसकी वजह से टीम को वनडे और टेस्ट सीरीज में शर्मिंदा होना पड़ा।

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साहा की जगह पंत
कप्तान कोहली का सबसे अजीबोगरीब फैसला विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा की जगह ऋषभ पंत को मौका देने का रहा, वो भी बड़े अटपटे तर्क के साथ, विराट ने तर्क दिया था कि मौजूदा दौर में दुनिया के सबसे अच्छे विकेटकीपरों में गिने जाने वाले साहा की विकेटकीपिंग भारत में तो अच्छी है, लेकिन विदेशी पिच पर पंत की बल्लेबाजी को तरजीह दी जा रही है, जबकि इस बात में कोई शक नहीं है, कि साहा पंत से बेहतर विकेटकीपर हैं, अब सवाल ये उठता है कि क्या ऋषभ तकनीकी रुप से साहा से बेहतर बल्लेबाज हैं, इसका जवाब भी ना में है, तो फिर साहा के उपलब्ध रहने के बाद भी उन्हें मौका क्यों नहीं दिया।

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प्लेइंग इलेवन में कंफ्यूजन
इस बात में रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि विराट दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं, लेकिन क्या वो चतुर कप्तान हैं, इसे लेकर तरह-तरह के तर्क दिये जा रहे हैं, क्योंकि प्लेइंग इलेवन में उन्हें कौन खिलाड़ी चाहिये, इसे लेकर वो कई बार अलग फैसला ले लेते हैं, तकनीकी रुप से सशक्त शुभमन गिल की जगह उन्होने पृथ्वी को मौका दिया, तो कभी उन्हें अश्विन से बतौर बल्लेबाज ज्यादा अपेक्षाएं हो जाती है, इसी वजह से उन्होने अश्विन को दूसरे टेस्ट में बाहर कर दिया क्योंकि उन्होने बल्ले से रन नहीं बनाये थे, अब विराट कोहली को कौन समझाये, कि अगर गेंदबाज ही शतक लगाएंगे, तो बल्लेबाजों की टीम में जरुरत क्या है।

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पुजारा का आत्मविश्वास तोड़ा
एक कप्तान को हमेशा अपने खिलाड़ियों के पक्ष में खड़े होना चाहिये, लेकिन विराट इस मामले में उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, वेलिंग्टन टेस्ट में पुजारा न्यूजीलैंड के घातक तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने डटकर खड़े थे, लेकिन विराट को ये बात नागवार गुजरी, कि उन्होने तेजी से रन क्यों नहीं बनाये, उन्होने सार्वजनिक रुप से पुजारा की धीमी बल्लेबाजी पर निशाना साधा, ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर आपको टेस्ट मैच में कैसे बल्लेबाज चाहिये, जो क्रीज पर समय बिताये, या तेजी से रन बनाये, पुजारा टीम में इसी शैली के लिये जाने जाते हैं कि जब विकेटों का पतझड़ लगा हो, तो वो एक छोर थाम कर बैठे रहे।

इशांत के करियर से खिलवाड़
तेज गेंदबाज इशांत शर्मा को रणजी ट्रॉफी के दौरान चोट लगी थी, उन्हें 6 हफ्ते आराम की सलाह दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद विराट ने उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में खिलाया, अनफिट खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरकर कप्तान किसका भला कर रहे हैं, कम से कम टीम और खिलाड़ी का तो बिल्कुल नहीं।

जबरदस्ती का आक्रामकता
विराट कोहली की गिनती दुनिया के सबसे आक्रामक खिलाड़ियों में की जाती है, वो हर समय मैदान पर उत्साह में नजर आते हैं, लेकिन जब टीम को उनकी आक्रामकता की जगह धैर्य की जरुरत होती है, तो वो अपेक्षाओं पर खरे उतरने में नाकामयाब दिखते हैं, उन्हें क्रीज पर टिककर खेलने की जरुरत थी, तो वो जरुरत से ज्यादा आक्रामक दिख रहे थे, इसी चक्कर में खामियाजा टीम इंडिया को भुगतनी पड़ी।