आजम खान पर फिर चला योगी सरकार का हंटर, अब इस घोटाले में जाएंगे जेल!

आजम खान पर आरोप है कि 122 सहायक अभियंता 853 अवर अभियंता सेमत कुल 1300 पदों पर भर्ती में अनियमितता बरती गई थी।

New Delhi, Mar 03 : यूपी के पूर्व मंत्री और रामपुर सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, अब अखिलेश सरकार के कार्यकाल में हुए जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रहे एसआईटी ने आजम खान को दोषी माना है, आपको बता दें कि आडम खान के नगर विकास मंत्री रहते यूपी जल निगम में 853 जूनियर इंजीनियर और 335 लिपिकों की भर्ती हुई थी, जिसे निरस्त कर दिया गया है, इससे पहले 122 सहायक अभियंताओं की भर्तियों को निरस्त किया गया था।

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योगी सरकार ने दिया आदेश
एसआईटी जांच में भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाये जाने के बाद योगी सरकार ने सोमवार देर रात भर्ती निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर दिया है, आजम खान पर आरोप है कि 122 सहायक अभियंता 853 अवर अभियंता सेमत कुल 1300 पदों पर भर्ती में अनियमितता बरती गई थी, आजम खान पर 2016-17 में जल निगम भर्ती बोर्ड के चेयरमैन रहते 1300 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी का आरोप है। जांच के बाद मामला उजागर होने के बाद योगी सरकार ने भर्तियों को रद्द कर दिया है।

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सीधी भर्ती
मालूम हो कि 18 जून 2016 को जल निगम ने लिपिक और आशुलिपिक के पदों पर सीधी भर्ती के लिये विज्ञापन दिया था, जिसमें 335 लिपिक और 63 आशुलिपिक पदों पर लिखित परीक्षा आयोजित की गई, कंप्यूटर बेस्ड डाटा में सामान्य रुप से परीक्षा के बाद आंसर सीट को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है, ताकि अभ्यर्थी अपनी आपत्ति जता सकें, लेकिन लिखित परीक्षा के बाद आंसर सीट को अपलोड नहीं किया गया, और साक्षात्कार के लिये अभ्यर्थियों की सूची जल निगम को सीधे उपलब्ध करा दी गई।

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जांच रिपोर्ट
2016-17 में हुए आशुलिपिक पदों के लिये टाइप परीक्षा में किसी भी अभ्यर्थी के सफल नहीं होने के कारण परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया गया, मामले में तत्कालीन मंत्री आजम खान के साथ नगर विकास सचिव रहे एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आशुदानी, जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, एसआईटी इन सभी अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है, जांच प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जिसमें आजम खान को दोषी माना गया है।