कोरोना वायरस का तोड़ हिंदुत्व में …

कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार किया जा रहा है और इसमें गजब का एन्टी ऑक्सीडेंट तुलसी के अर्क को इस्तेमाल करने की बात की जा रही है ।

New Delhi, Mar 14 : उन्हें बहुत नाज़ था कि वे हिन्दू नही है , उन्हें बहुत घमंड था अपने धर्म को लेकर , उन्हें बेहद अहंकार था कि वे नास्तिक हैं । कोरोना ने उनके सारे भरम धराशायी कर दिए । अब वे हाथ नही मिलाते हैं । डर से कि कोरोना हो जाएगा । अब वे गले नही मिलते कि कोरोना का संक्रमण हो जाएगा ।अब वे गालों मेचुम्बन नही देते कि कहीं कोरोना न हो जाये। अब वे हाथ जोड़कर नमस्कार किया करते हैं ।

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अब वे लाशों को दफनाते नही । चील कौवो के लिए पार्थिव शरीर को छोड़ नही देते । अब वे लाशों को जलाते हैं । कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करना जो है । हिन्दू जानते थे कि मृत शरीर की गति तभी होती है जब उसे आग में नष्ट किया जाए । अग्नि की पूजा ऐसे ही नही की जाती है हिन्दू रिवाजो में ।

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पता कीजिये कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार किया जा रहा है और इसमें गजब का एन्टी ऑक्सीडेंट तुलसी के अर्क को इस्तेमाल करने की बात की जा रही है । वही तुलसी जो अधिकांश हिन्दुओ के आंगन की शोभा बढ़ाता है।

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अभी इंतजार कीजिये । कोरोना अभी हिन्दू रिवाजो के कई और आयामो को खोलेगा । इसलिए कहता हूँ हिंदुत्व आदि धर्म है , वैज्ञानिक धर्म है और कभी खत्म नही होने वाला शाश्वत धर्म है।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)