सिंधिया की पत्नी के परिवार से पीएम मोदी का रहा है पुराना नाता, महारानी ही दोनों को एक साथ लाई!

जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तो प्रियदर्शिनी के परिजनों का लगातार उनसे मिलना-जुलना होता रहता था।

New Delhi, Mar 15 : कद्दावर राजनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गये हैं, पार्टी में शामिल होते ही बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार भी बना दिया है, इसके साथ ही कहा जा रहा है कि जल्द ही उन्हें मोदी सरकार में भी स्थान दिया जाएगा, सिंधिया को कांग्रेस में काफी समय से साइडलाइन कर दिया गया था, जिससे वो नाराज चल रहे थे, पिछले कुछ महीनों से उनके कांग्रेस छोड़ने की खूब चर्चा हो रही थी।

Advertisement

मोदी-शाह से मुलाकात
बीजेपी में शामिल होने से पहले ज्योतिरादित्य ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, फिर उनके साथ ही पीएम मोदी से मिलने पहुंचे, इसके बाद उन्होने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया, हालांकि कम ही लोगों को पता है कि पीएम मोदी का सिंधिया के ससुराल से पुराना नाता है, आइये इस खास रिश्ते के बारे में हम आपको बताते हैं।

Advertisement

बड़ौदा सिंधिया का ससुराल
ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी सिंधिया बड़ौदा राजघराने की राजकुमारी रही हैं, प्रियदर्शनी के पिता संग्राम सिंह गायकवाड़ तत्कालीन बड़ौदा राजघराने के आखिरी शासक प्रताप सिंह राव गायकवाड़ के तीसरे बेटे थे, आजादी के बाद जब देशी रियासतों का विलय हुआ तो बड़ोदा रियासत को भी भारत में मिला लिया गया। पीएम मोदी 2014 लोकसभा चुनाव में जब पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, तो वाराणसी के साथ-साथ सिंधिया के ससुराल वड़ोदरा को भी चुनावी रण के लिये चुना, उन्होने दोनों सीटों से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की, फिर वडोदरा सीट छोड़ दी, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी के प्रियदर्शिनी सिंधिया के परिजनों से काफी अच्छे संबंध हैं।

Advertisement

राजपरिवार था पीएम का प्रस्तावक
जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तो प्रियदर्शिनी के परिजनों का लगातार उनसे मिलना-जुलना होता रहता था, लोकसभा चुनाव के दौरान वडोदरा सीट चुनने के पीछे ये भी एक खास वजह थी, इतना ही नहीं 2014 लोकसभा चुनाव में बड़ोदा राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाली शुभांगिनी राजे गायकवाड़ खुद नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावक थी।

ऐसे आये मोदी के करीब
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक ज्योतिरादित्य की सास शुभांगिनी राजे गायकवाड़ ही वो शख्स थी, जो सिंधिया को मोदी के करीब लेकर आये, रिपोर्ट के मुताबिक उन्होने ही दोनों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई, जिसके बाद सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने का फैसला लिया।