हेमा मालिनी को शादी के लिये मनाने परिवार के साथ मद्रास गये थे जितेन्द्र, मंगेतर ने बिगाड़ा था खेल!

मद्रास में दोनों परिवार मिले, शादी की बात करीब-करीब तय हो चुकी थी, लेकिन जितेन्द्र पहले मंगनी फिर शादी के पक्ष में नहीं थे, वो चट मंगनी पट ब्याह करना चाहते थे।

New Delhi, Apr 07 : बॉलीवुड के चर्चित एक्टर जितेन्द्र का 7 अप्रैल को जन्मदिन होता है, जितेन्द्र का असली नाम रवि कपूर है, निर्देशक वी शांताराम ने उन्हें जितेन्द्र नाम दिया था, बॉलीवुड एक्टर को फिल्म इंडस्ट्री का पहला रियल डांसिंग स्टार कहा जाता है, मुंबई के गोरेगांव में लड़कों का एक ग्रुप अकसर फिल्मों का पहला शो देखा करता था, फिर फिल्म देखने के बाद वो लोगों को बताते थे कि फिल्म कैसी है, एक दिन फिल्ममेकर वी शांताराम फिल्म देखने आये हुए थे, उनहोने लड़कों के ग्रुप में से एक लड़के को फिल्म के बारे में लोगों से बातचीत करते हुए देखा, वो उनसे काफी प्रभावित हुए और निश्चय किया, कि इसे अपनी फिल्म में काम करने का मौका देंगे।

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जौहरी परिवार में जन्म
वो लड़का रवि कपूर था, जो बाद में जितेन्द्र के नाम से मशहूर हुआ, 7 अप्रैल 1942 को मुंबई के एक जौहरी परिवार में पैदा हुए जितेन्द्र का बचपन से ही फिल्मों में रुझान था, वो एक्टर बनना चाहते थे, घर से अकसर भाग कर फिल्म देखने जाते थे, जितेन्द्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1959 में नवरंग से की थी, जिसमें उनकी छोटी सी भूमिका थी।

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5 साल संघर्ष
करीब 5 साल तक जितेन्द्र फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाने के लिये जूझते रहे, फिर साल 1964 में उन्हें वी शांताराम की फिल्म गीत गाया पत्थरों में काम करने का अवसर मिला, इस फिल्म ने उन्हें पहचान दिला दी, साल 1967 में जितेन्द्र की एक सुपरहिट फिल्म फर्ज रिलीज हुई, इस फिल्म ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में लोकप्रिय कर दिया।

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हेमा मालिनी के पीछे
जितेन्द्र को लेकर एक कहानी काफी चर्चित है, कहते हैं कि हेमा मालिनी जब फिल्मों में आई थी, तो जितेन्द्र काफी शोहरत पा चुके थे, हर नई लड़की उनके साथ काम करना चाहती थी, लेकिन जितेन्द्र ने हेमा मालिनी को ज्यादा भाव नहीं दिया, लेकिन जब धमेन्द्र और हेमा की जोड़ी सुपरहिट हो गई, तो जितेन्द्र उनके पीछे पड़ गये, यहां तक की शादी की बात के लिये जितेन्द्र ने अपनी मां को हेमा के पीछे लगा दिया था, हेमा की मां जया चक्रवर्ती एक अनुभवी और सुलझी हुई महिला थी, उन्होने ये फैसला हेमा मालिनी पर छोड़ दिया।

चट मंगनी पट ब्याह
मद्रास में दोनों परिवार मिले, शादी की बात करीब-करीब तय हो चुकी थी, लेकिन जितेन्द्र पहले मंगनी फिर शादी के पक्ष में नहीं थे, वो चट मंगनी पट ब्याह करना चाहते थे, उन्हें डर था कि कहीं मंगनी के बाद हेमा का मन ना बदल जाए, इसलिये वो किसी भी तरह का रिस्क लेने को तैयार नहीं थे, लेकिन तभी जितेन्द्र की मंगेतर शोभा सिप्पी वहां पहुंच गई, क्योंकि जितेन्द्र ने जल्दबाजी में शादी की खबर फैला दी थी, इसलिये शोभा अपने घर वालों के साथ वहां पहुंच गई, और हेमा मालिनी उनकी दुल्हन बनते-बनते रह गई। बाद में हेमा ने धमेन्द्र और जितेन्द्र में शोभा से शादी की।