कोरोना संकट के बीच लालू परिवार को मिली बड़ी खुशखबरी, झारखंड सरकार कर रही विचार

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद झारखंड से जुड़े 4 मामलों में चारा घोटाला केस में सजा काट रहे हैं।

New Delhi, Apr 07 : कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों के बीच झारखंड सरकार बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है, उन्हें जेल से घर भेजा जा सकता है, हेमंत सोरेन सरकार उन्हें पैरोल देने पर विचार कर रही है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर लालू प्रसाद यादव को पैरोल पर रिहा किया जा सकता है, प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने इस बात की पुष्टि भी की है। मंत्री ने कहा कि लालू जी को पैरोल देने की कवायद चल रही है, इसके लिये महाधिवक्ता की राय ली जा रही है, जेल प्रशासन से भी बातचीत जारी है।

Advertisement

सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल देने का आदेश
दरअसल कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का आदेश राज्य सरकारों को दिया था, जिसके बाद हेमंत सरकार राजद सुप्रीमो को पैरोल देने पर विचार कर रही है, आपको बता दें कि पूर्व सीएम फिलहाल रांची के रिम्स अस्पताल के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं, इसी पेइंग वॉर्ड को कोरोना मरीजों के लिये आईसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है, कोरोना के खौफ से लालू प्रसाद यादव ने वॉर्ड से बाहर निकलना और टहलना छोड़ दिया है।

Advertisement

तबीयत ठीक नहीं
रिम्स अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव की तबीयत इन दिनों ठीक नहीं चल रही है, कुछ दिनों पहले रिम्स की 8 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने उनके स्वास्थ्य की समीक्षा की थी, बोर्ड ने तय किया था कि लालू को बेहतर इलाज के लिये एम्स दिल्ली नहीं भेजा जाएगा, उनके किडनी रोगों क जांच के लिये एम्स दिल्ली से एक नेफ्रोलॉजिस्ट को रिम्स बुलाया जाएगा, अगर नेफ्रोलॉजिस्ट उन्हें इलाज के लिये रिम्स से बाहर भेजने की बात कहते हैं, तो उस दिशा में कार्रवाई की जाएगी।

Advertisement

चारा घोटाले में सजायाफ्ता
मालूम हो कि बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद झारखंड से जुड़े 4 मामलों में चारा घोटाला केस में सजा काट रहे हैं, किडनी समेत एक दर्जन से ज्यादा बीमारों से परेशान राजद प्रमुख को रांची के होटवार जेल से लाकर रिम्स में इलाज किया जा रहा है, जमानत पर बाहर निकलने के लिये झारखंड हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा उन्होने खटखटाया, लेकिन बेल नहीं मिली।