14 साल की उम्र में अनाथ, घर-घर बेचते थे लिपस्टिक-नेल पेंट, फिल्मी है अरशद वारसी की कहानी

एक्टर अरशद वारसी का बचपन गरीबी में बिता, जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाते हैं और खेलते हैं, उसी उम्र में वो अनाथ हो गये, महज 14 साल की उम्र में उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया।

New Delhi, Apr 19 : फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे एक्टर है, जिन्हें उनकी काबिलियत के मुताबिक काम नहीं मिलता, लेकिन जब भी उन्हें मौका मिलता है, वो अपनी कलाकारी से धमाल मचा देते हैं, अपनी एक्टिंग से किरदार में जान डाल देते हैं, ऐसे ही एक कलाकार हैं अरशद वारसी, जो 19 अप्रैल 2020 को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइये इस खास मौके पर हम आपको उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बताते हैं।

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गरीबी में बिता बचपन
एक्टर अरशद वारसी का बचपन गरीबी में बिता, जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाते हैं और खेलते हैं, उसी उम्र में वो अनाथ हो गये, महज 14 साल की उम्र में उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया, घर की माली हालत ठीक ना होने की वजह से उन्होने 10वीं की पढाई छोड़ दी। सिर्फ 17 साल की उम्र में वो घर-घर जाकर लिपस्टिक और नेल पॉलिश बेचा करते थे, फिर उन्होने फोटो लैब में काम करना शुरु किया, इसी दौरान उनकी दिलचस्पी डांस में बढी, उन्हें अकबर सामी ने डांस ग्रुप में शामिल होने का ऑफर दिया, साल 1991 में अरशद वारसी डांस प्रतियोगिता में मॉडर्न जैज कैटेगरी में चौथे स्थान पर आये।

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डांस स्टूडियो खोला
साल 1992 में डांस वर्ल्ड कॉम्पटिशन में जो कि लंदन में हो रहा था, उसमें अरशद ने हिस्सा लिया, तब उनकी उम्र 21 साल  थी, इसके बाद उन्होने अपना डांस स्टूडियो खोल लिया, अगले साल 1993 में रिलीज हुई रुप की रानी चोरों का राजा गाने के टाइटल ट्रैक को उन्होने कोरियोग्रफ किया।

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एक्टिंग डेब्यू
एक्टिंग डेब्यू से पहले अरशद वारसी मुंबई के इंग्लिश थियेटर ग्रुप के साथ जुड़े थे, उन्होने महेश भट्ट का फिल्म काश में असिस्ट किया था, इसके बाद 1996 में फिल्म तेरे मेरे सपने से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा, इसके बाद मुन्नाभाई सीरीज में सर्किट, हलचल, कुछ मीठा हो जाए, गोलमाल सीरीज और टोटल धमाल सीरीज में अपनी एक्टिंग से लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया।