वैशाख अमावस्या आज, पितरों की तृप्ति के लिए करें दान, भूलकर भी ये गलतियां ना करें

आज वैसाख अमावस्‍या है, आज का दिन बहुत ही महत्‍वपूर्ण है । कुछ विशेष बातें आगे बताई जा रही हैं, पढ़ें और लाभ उठाएं ।

New Delhi, Apr 22 : आज वैशाख माह की अमावस्या है । धर्म शास्‍त्रों, मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है ।  अमावस्‍या पर श्राद्ध, तर्पण, पूजा-पाठ और दान का विधान है । ज्योतिष में भी कहा गया है कि अमावस्या तिथि पर कालसर्प दोष निवारण और शनि दोष शांति पूजा करने से बहुत ही लाभ होता है । हिंदू पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं, इस दिन पितरों के लिए की गई पूजा का भी विशेष महत्व होता है।

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पितरों के लिए पूजा की विधि
अमावस्या के दिन पितरों की पूजा का विशेरूा महत्व है । इस पावन मौके पर पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने का बहुत अधिक महत्व है। अगर हो  सके तो पितरों की तृप्ति के लिए व्रत भी रखना चाहिए। साथ ही अन्न और जल का दान करना चाहिए। चुंकि इस वक्‍त कोरोना वायरस महामारी के चलते सभी घर पर हैं इसलिए घर के अंदर से किस प्रकार आप पितरों के लिए तृप्ति कर्म कर सकते हैं आगे बताते हैं ।

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पितरों के लिए ये करें
नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इस दिन नहाने के जल में तिल डालकर स्नान करना चाहिए। अपने मन में पितरों की तृप्ति का संकल्प लें और जल, अन्न का दान करें। किसी गरीब को भोजन करवाएं। सात्विक भोजन बनाएं और गाय को भोजन खिलाएं। ऐसी मान्‍यता है कि अमावस्या के पावन दिन पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों का आशिर्वाद मिलता है।

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ये गलतियां ना करें
अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है, ऐसे में इस दिन कुछ विशेष बातों का ध्‍यान रखना भी आवश्‍यक है । इस दिन पर मांस या मदिरा पान का सेवन करने से परहेज करें । तामसिक चीजों का सेवन ना करें । पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाने से भी परहेज करें । दिन के वक्त सोने की गलती ना करें । इस प्रकार से आप अमावस्‍या पर राहु -केतु और शनि के दुष्‍प्रभावों से बच सकते हैं ।