वुहान लॉकडाउन की वो डायरी जिसे लिखने वाली महिला ने खोल डाला चीन का ‘षड्यंत्र’

चीन की चालबाजी एक बार फिर उसे भारी पड़ने लगी है, दुनिया में कोरोनावायरस फैलाने का इल्‍जाम सिर लेकर घूम रहे चीन के वुहान से अब एक डायरी बम निकला है । पूरी खबर आगे पढ़ें ।

New Delhi, Apr 24 : चीन के वुहान शहर से निकले नोवेल कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में महामारी फैला दी । लाखों परिवार अपनों से दूर हो गए । लेकिन बेदर्द चीन के दिल से आह तक नहीं निकली, इस वायरस को लेकर शुरू से ही चीन का रवैया दबा छुपा रहा, ना तो दुनिया को इसकी सही जानकारी दी और अब भी सही आंकड़े देने में, जांच करने में आनाकानी कर रहा है । ऐसे में आरोप तो लगेंगे ही कि चीन ने ही इस वायरस को फैलाया है और मानव जाति पर इतना बड़ा संकट ले आया है । इन सारी खबरों के बीच वुहान लॉकडाउन पर लिखी एक महिला राइटर की डायरी सामने आ गई है ।

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महिला राइटर फैंग – फैंग की डायरी
ये डायरी वुहान डायरी के नाम से सामने आई है, जिसे उस वक्‍त लिखा गया जब पूरा वुहान लॉकडाउन में थे । उस समय फैंग-फैंग नाम की   यह राइटर रोज डायरी के पन्‍नों पर शहर का हाल लिखती थी । एक-एक सच जो उसने महसूस किया । मौत और  मातम का हर दर्द उसकी डायरी के पन्‍नों में लिखा गया । ये डायरी शुरू-शुरू में चीन के लोगों को भी पसंद आई लेकिन जब उन्हें पता चला कि पूरी कहानी जर्मन और इंग्लिश में आ रही है तो उन्होंने इस लेखिका को विलेन बना दिया, और अब फैंग – फैंग को मौत की धमकी मिलने लगी है ।

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डायरी में 76 दिनों का वुहान लॉकडाउन
फैंग – फैंग को मौत की धमकियां चीन की ओर से मिल रही हैं, क्‍योंकि उन्‍होने वो सच सामने ला दिया है जो चीन का प्रशासन भी छुपा रहा है । राइटर ने 76 दिनों के वुहान लॉकडाउन पर डायरी लिखी है । इस डायरी में वुहान के तब के हाल, चीन अथॉरिटी की करतूतें, अस्पतालों में मरीजों की बेहद बुरी हालत और कब्रिस्‍तानों में फैले मातम का हाल है । फैंग – फैंग ने इस डायरी को लिखकर ऑन्‍लाइन भी शेयर कर दिया, अब चीन प्रशासन उनकी जान के पीछे पड़ गया है ।

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क्या है वुहान डायरी?
अवॉर्ड विनर राइटर फैंग-फैंग की ये वुहान डायरी जर्मन और इंग्लिश भाषा में है । डायरी के ऑनलाइन वर्जन में कुल 64 पोस्ट डाली गई हैं, जिनमें वुहान लॉकडाउन का एक –एक हाल बताया गया है । एक रिपोर्टर की तरह फैंग – फैंग ने जो देखा वो लिखा, जो सुना वो लिखा । जब दुनिया कोरोना से अंजान थी तब वुहान डॉक्टरों के हवाले से उन्होने डायरी के जरिए दुनिया को बताया कि बीमारी संक्रामक है ।

डायरी के कुछ पन्‍ने
वुहान डायरी के कुछ पन्‍ने बेहद दर्दनाक दास्‍तां बता रहे हैं । 13 फरवरी को फैंग-फैंग ने एक कब्रिस्तान की तस्वीर लगाकर लिखा है – ‘मुझे ये तस्वीर मेरे एक डॉक्टर मित्र ने भेजी है. यहां चारों तरफ फर्श पर मोबाइल फोन बिखरे पड़े हैं. कभी   इन मोबाइल का कोई मालिक भी रहा होगा.’ ये वो समय था जब चीन की सरकार मौतों की संख्या छिपाने में लगी थी ।  फैंग-फैंग ने बताया कि कब्रिस्तानों में मोबाइल बिखरे पड़े हैं । 17 फरवरी की घटना बताते हुए फैंग-फैंग ने लिखा –  ‘अस्पताल कुछ दिनों तक मृत्यु सर्टिफिकेट बांटते रहेंगे और शव वाहनों में कई शव श्मशानों तक पहुंचाए जाते रहेंगे और ये वाहन दिन में कई चक्कर लगाते रहेंगे।’

अस्‍पतालों की दुर्दशा का भी जिक्र
फैंग-फैंग की वुहान डायरी में मौत का मातम ही नहीं प्रशासन की बेबसी भी नजर आई । अस्पतालों की दुर्दशा के बारे में इस डायरी में लिखा गया है । मरीजों की भीड़ और डॉक्‍टरों की कमी, सब कुछ । उस वक्‍त जब चीनी सरकार वुहान का सच छुपा रही थी तो ऐसी कई खबरें सामने आईं जहां लाशों के ढेर की बात की गई, वुहान के आसमान में लाशों के जलने से हवा में फैले सल्‍फर की मात्रा का अनुमान लगाकर सैटेलाइट्स मौत के आंकड़े बता रहीं थीं । लेकिन चीन की सरकार की ओर से जारी मौत के आंड़े 3500 पर ही सिमट गए । वुहान में मरने वालों की संख्या को चीन ने अप्रैल तक दबाकर रखा, जो चीन कोरोना से मौत का आंकड़ा 3869 बता रहा था, अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ने के बाद 17 अप्रैल को वो आंकड़ा 4632 कर दिया गया ।

चीन का चेहरा आया सामने
चीन इस समय फैंग-फैंग की जान का दुश्मन हो गया हो । लेकिन वो अपनी डायरी को पीछे लेने के लिए तैयार नहीं । इस डायरी के बाद चीन का वो सच सामने आ गया है जिस पर पिछले कई दिनों से पूरी दुनिया में दबी छुपी जुबान में बातें हो रहीं थी । चीन की चालबाजी, उसका षड्यंत्र सब इस डायरी में सामने आ गया है ।