अक्षय तृतीया कल, जानें शुभ मुहूर्त – पूजा विधि, लॉकडाउन में स्‍वर्ण खरीदारी नहीं ये उपाय करें

इस बार अक्षय तृतीया पर आप खरीदारी भले ना कर पाएं लेकिन पूजा विधि – विधान से करें । घर पर मां लक्ष्‍मी का वास हो इसके लिए आगे पूरी जानकारी पढ़ें ।

New Delhi, Apr 25 : अक्षय तृतीया या अक्‍खा तीज, हिंदू धर्म में वैशाख महीने की शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है । इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है, यह तिथि किसी भी कार्यक्रम लिए उत्‍तम मानी गई है । इस दिन आप परिवार से जुड़े कोई भी शुभ कार्य बिना किसी ज्‍योतिषीय पूछताछ के भी कर सकते हैं । अक्षय का अर्थ है जिसका कभी भी क्षय ना होता हो, यानी जो कभी खत्‍म ही ना होती हो । आगे पढ़ें इससे जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियां ।

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शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व 26 अप्रैल यानी कल रविवार को मनाया जाएगा । पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि का आरंभ 25 अप्रैल 2020 से ही हो रहा है ।   25 अप्रैल रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर तृतीया तिथि का समापन 26 अप्रैल को 13 बजकर 21 मिनट पर होगा । रविवार को सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थान को शुद्ध करें और माता लक्ष्मी का आह्वाहन करें । माता की प्रिय वस्तुओं को उन्‍हें समर्पित करें, जिसमें लाल फूल अवश्‍य हो । इसे बाद आरती करें, प्रसाद खाएं ।

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विशेष उपाय, तुलसी पूजन
इस दिन विष्‍णु और लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है । पूजा में तुलसी का उपयोग भी अवश्‍य करें । भगवान विष्णु की पूजा में प्रसाद में तुलसी का उपयोग अवश्‍य किया जाना चाहिए । ध्यान रखें कि प्रसाद बनाने के बाद जब आप तुलसी दल को इसमें डालें तो आप नहा धोकर स्‍वच्‍छ होकर ही तुलसी के पत्‍ते लेकर आएं । इसके अलावा ये भी ध्‍यान रखें कि इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करें, अलग-अलग पूजने की गलती ना करें ।

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गुस्‍सा ना करें, नियंत्रण में रहें
अक्षय तृतीया के विशेष दिन किसी के लिए भी अपने मन में क्रोध का भाव न पालें । मन में बुरे भाव रखने वाले व्‍यक्ति का चित्‍त कभी शांत नहीं होता और वो हमेशा दूसरों के बारे में बुरा ही सोचता रहता है । ऐसे व्‍यक्ति पर भगवान कभी कृपा नहीं करते । इस दिन मां लक्ष्‍मी और भगवान विष्‍णु की आराधना करते हैं, भगवान का भाव हृदय में रखकर आप किसी भी प्रकार से दूसरे के लिए बुरा भाव या क्रोध भाव मन में ना लाएं ।