फिल्मी दुनिया से दूर पिछले 20 सालों से ये काम कर रहे हैं रामानंद सागर के कृष्णा

रामानंद सागर के टीवी शो श्रीकृष्णा में भगवान कृष्णा की भूमिका निभाकर दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने वाले शख्स का नाम सर्वदमन डी बनर्जी था।

New Delhi, Apr 25 : कोरोना की वजह से लॉकडाउन ने टीवी पर 80 और 90 के दशक के दौर को वापस बुलाने को मजबूर कर दिया है, रामायण और महाभारत के बाद अब रामानंद सागर के शो श्रीकृष्णा के प्रसारण की मांग की जा रही है, दोनों धार्मिक सीरीयल्स को खूब प्यार मिल रहा है, जिसे देखने के बाद अब ये फैसला लिया गया है कि जल्द ही टीवी पर श्रकृष्णा भी शुरु किया जाएगा, रामायण और महाभारत की तरह लोगों के मन में ये सवाल है कि श्रीकृष्ण के किरदार निभाने वाले आजकल क्या कर रहे हैं, तो आइये आपको बताते हैं कि शो में कृष्ण का रोल निभाने वाले आजकल क्या कर रहे हैं।

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किसने निभाया था किरदार
रामानंद सागर के टीवी शो श्रीकृष्णा में भगवान कृष्णा की भूमिका निभाकर दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने वाले शख्स का नाम सर्वदमन डी बनर्जी था, उनका जन्म 14 मार्च 1965 में उन्नाव के मगरवाड़ा में हुआ था, इस शो ने उन्हें घर-घर में पहचान दिला दी, इस शो को हिट होने के बाद उन्हें कई शोज के ऑफर मिले, उन्होने अर्जुन, जय गंगा मैया और ओम नमः शिवाय शो किया, जिसमें वो विष्णु या कृष्ण के अवतार में दिखे।

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कानपुर में पढाई
सर्वदमन बनर्जी की स्कूलिंग कानपुर से हुई, जिसके बाद उन्होने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन किया, उन्होने अपने करियर में हिंदी, तेलुगू और बंगाली फिल्मों में भी काम किया, हालांकि उन्हें पहचान सीरीयल श्रीकृष्णा से ही मिली। सर्वदमन इन दिनों फिल्मी दुनिया से दूर हैं, वो ऋषिकेश में अपना एक मेडिटेशन सेंटर चलाते हैं, जहां लोग प्रकृति के बीच में मेडिटेशन करने आते हैं।

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मेडिटेशन सेंटर के साथ एनजीओ
आपको बता दें कि सर्वदमन डी बनर्जी मेडिटेशन सेंटर के साथ-साथ एक एनजीओ भी चलाते हैं, जिसका नाम पंख है, इसके जरिये वो करीब 200 बच्चों की पढाई लिखाई का ध्यान रखते हैं, साथ ही उत्तराखंड की 50 गरीब महिलाओं को ढंग की जिंदगी जीने के लिये काम की ट्रेनिंग दिलाते हैं।

आखिर क्यों कर लिया किनारा
एक इंटरव्यू में सर्वदमन ने बताया कि आखिर उन्होने क्यों फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया, उन्होने कहा कि मैं श्रीकृष्णा करते समय ही फैसला ले लिया था कि मैं 45-47 साल की उम्र तक ही काम करुंगा, ग्लैमर वाली दुनिया में ग्लैमर तो है नहीं, वो तो देखने वालों के लिये है, आगे बोलते हुए उन्होने कहा कि मैंने सोच क्यों ना कुछ अलग किया जाए, बचपन से ही उनके अंदर आध्यात्मिक एनर्जी थी, फिर मुझे मेडिटेशमन मिल गया, अब मैं पिछले बीस सालों से वही कर रहा हूं।