सास ने करा दी विधवा बहू की दूसरी शादी, लॉकडाउन भी नहीं रोक पाया शुभ काम, खूब हो रही तारीफ

एक ऐसी सास जिसने अपनी विधवा बहू की शादी करवाई, उसे बेटी की तरह विदा किया, विदाई में इतना रोई कि आस-पास के लोग इस प्‍यार के समंदर को देख हैरान रह गए ।

New Delhi, May 06 : लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है, लोगों को अब थोड़ी राहत मिल गई है । कई जिलों में पूरी छूट है तो कहीं नियम-कानून अब भी सख्‍त हैं । हालांकि इस बीच आ रही एक खबर दिल को सुकून देनी वाली है । मध्‍यप्रदेश के रतलाम से आ रही एक शादी की खबर क्‍यों खास हो गई, हम आपको बताते हैं । अब तक आपने सास-बहू की जलीकटी के खूब किस्‍से सुनेंगे लेकिन इस सास ने जो किया वो जानकर आपकी आंखें जरूर नम हो जाएंगी ।

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विधवा बहू का दोबारा घर बसाया
घटना मध्‍यप्रदेश के रतलाम की है, जहां एक घर में जिस लड़की को 6 साल पहले बहु बनाकर स्‍वागत किया गया था वहीं से उसे बेटी की तरह    विदा किया गया । सास-ससुर ने ये फैसला अपनी ढलती उम्र के कारण लिया, उनके बाद उनकी विधवा बहू का क्‍या होगा, ये विचार उन्‍हें परेशान कर रहा था । बस यही सोचक उसके पुनर्विवाह की तैयारियां शुरू कर दी ।

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बहू को बेटी की तरह विदा किया
विधवा बहू को पूरे रीति रिवाज के साथ घर से विदा किया । खुशियों भरी इस शादी में लॉकडाउन भी आड़े नहीं आया । शादी में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन हुआ और तीन परिवारों के गिने – चुने सदस्यों के बीच ही ये शादी संपन्न हुई । काटजू नगर की रहने वालीं 65 साल की सरला जैन बहू की विदाई पर खूब रोईं । बिलकुल एक मां की तरह उनके जज्‍बात उमड़ कर सामने आ गए ।

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कैंसर से हुई बेटे की मौत
सरला जी के बेटे मोहित जैन का आष्टा की रहने वाली सोनम के साथ 6 साल पहले ही विवाह हुआ था । शादी के 3 साल बाद मोहित कैंसर से पीड़ित हो गया । तीन सालों तक बहू सोनम ने पति की जमकर सेवा की लेकिन मोहित कैंसर से हार गया । पति की मौत के बाद सोनम सास-ससुर के पास बेटी की तरह रहने लगी । सोनम ने उनकी खूब सेवा की । सास-ससुर ने सोनम के भविष्‍य को देखते हुए घर में उसके दूसरे विवाह की बात चलाई और इसके लिए नागदा में सौरभ जैन के साथ रिश्ता पक्का कर दिया गया । हालांकि ये शादी नागदा जाकर होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण रतलाम में ही शादी संपन्‍न करा दी गई ।

जो बेटी के लिए करते वो ही किया
बहू की दोबारा शादी पर सास सरला जैन ने कहा कि उनकी उम्र हो चली है, हम दोनों पति-पत्नी ही रह गए थे । बहू की उम्र अभी बहुत बाकी है, उसे भी खुश रहने का अधिकार है । वो अपनी सारी जिंदगी इस तरह अकेले कब तक काटती । इसलिए शादी ही एक अच्‍छा विकल्‍प दिखाई दिया । सास ने कहा कि बहू को जब विदा किया तो बेटी समझकर ही किया, सब कुछ वही दिया जो बेटी को दिया था । वाकई ये शादी समाज के लिए एक प्रेरणा है ।