कभी बिना कपड़ों के बीच पर भागी प्रोतिमा बेदी, लगातार बदले प्रेमी, एक झूठ आजतक है सुर्खियों में

कबीर बेदी की पत्‍नी और पूजा बेदी की मां से कहीं बड़ी रही प्रोतिमा बेदी की शख्सियत । अपने जमाने की वो स्‍टार थीं प्रोतिमा जो हमेशा सुर्खियों में रहती थीं ।

New Delhi, May 11 : एक पत्‍नी, मां, बिंदास प्रेमिका, गजब की डांसर, एक्‍ट्रेस, विवादित सेलब्रिटी ऐसे कई नामों से प्रोतिमा बेदी को बुलाया जा सकता है । जीवन भर प्रेमी बदलती रहीं प्रोतिमा आखिर में संन्यासिन बन सिर मुंडाकर तीर्थ पर चलीं गईं । और वहीं कहीं एक लैंड स्‍लाइड की चपेट में आकर मर गईं । प्रोतिमा को लेकर खुशवंत सिंह ने कई साल पहले एक अखबार में छपने वाले अपने नियमित संडे कॉलम में लिखा था –  “प्रोतिमा ने अपने जीवन में ना तो किसी पुरुष से नहीं कहा और ना ही जिंदगी में कोई पछतावा पाला ।वो  अपनी जिंदगी की हर बात हर किसी से कह देती थीं।” प्रोतिमा बेदी का आज जन्‍मदिन है, उनके बारे में आगे पढ़ें ।

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बनिया पिता और बंगाली मां की संतान थीं प्रोतिमा
प्रोमिा का विद्रेाही स्‍वभाव उनके पिता से उन्‍हें मिला होगा, क्‍यों दिल्ली के छोटे बनिया परिवार के एक लड़के का बंगाली बहू ब्‍याह कर लाना   कोई छोटा काम तो हो नहीं सकता है । उनके पिता को इस वजह से घर से बाहर निकाल दिया गया । इसके बाद उन्‍होने कई व्‍यापार जमाने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली । प्रोतिमा तीन बहनों और एक भाई के बीच दूसरे नंबर पर आती हैं । बचपन से अपनी मनमर्जी की रहीं, पिता जितनी कड़ाई करते, विद्रोह उतना बढ़ जाता ।

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बेटे को बताया सबसे बड़ा सच
प्रोतिमा के लिए कुछ भी झूठ कहना मुश्किल था, शायद यही वजह रही कि उन्‍होने अपने बेटे सिद्धार्थ को ये बता दिया था कि वो कंफर्म नहीं हैं कि उनके पिता कौन हैं । उनके तत्कालीन पति कबीर बेदी या फिर युवा जर्मन प्रेमी । हालांकि सिद्धार्थ बाद में सीजोफ्रेनिया का शिकार हुआ और उसने अमेरिका में खुदकुशी कर ली । 60 के दशक में प्रोतिमा ने घर छोड़ दिया था, वो मॉडलिंग करती थीं ।

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बिन कपड़ों के तस्‍वीर हुई वायरल
प्रोतिमा की जुहू बीच पर बिना कपड़ों के भागते हुए एक तस्‍वीर सुर्खियों में रहीं । हालांकि ये तस्‍वीर एक झूठ से कम नहीं थी, उन्‍होने कपड़े उतारे  ये सच था, बीच पर भागीं ये भी सच था लेकिन ये बीच मुंबई का नहीं थी । प्रोतिमा की ये तस्‍वीर गोवा के एक बीच से ली गई थीं, जहां कपड़े उतारकर घूमना ही आम था । अंजुना बीच की इस तस्‍वीर को मुंबई के जुहू बीच की तस्‍वीर में बदलकर छाप दिया गया । प्रोतिमा ने कभी इस पर सफाई देने की कोशिश नहीं की । एक उस दौरान खबर आई कि वो कबीर बेदी की पार्टनर हैं, 19 साल की प्रोतिमा गर्भव्‍ती हो गईं, कबीर और उन्‍होने शादी कर ली । इसके बाद पूजा बेदी जन्‍मी । लेकिन कबीर और प्रोतिमा का बिंदास रवैया नहीं बदला । पूजा जब आठ महीने की हुईं तभी प्रोतिमा के जीवन में नया प्रेमी आया । उनके पड़ोस में रहने वाला एक युवा जर्मन लड़का । कबीर के साथ उनकी ट्यूनिंग अच्‍छी नहीं थी और वो लंबे समय के लिए शूटिंग पर बाहर चले गए थे । प्रोतिमा, गोद में पूजा को लेकर जर्मन दोस्‍त के साथ घूमने फिरने लगीं । दोस्‍ती से ज्‍यादा उनके बीच सब कुछ होने लगा ।

कबीर बेदी से तलाक, पंडित जसराज से संबंध
60 के दशक में लिवइन की हिम्‍मत करने वालीं प्रोतिमा का कबीर से रिश्ता जब टूटा तो वो डांस की ओर झुक गईं । उस दौरान पंडित जसराज डांस बैले गीत गोविंदा की तैयारी में लगे थे।  प्रोतिमा की मुलाकात उनसे हुई और वो अगले पांच साल तक उन्‍हीं की होकर रह गईं । इस साथ ने प्रोतिमा को काफी बदला, वो साड़ी, गजरा और बड़ी बिंदी में नजर आने लगीं । पंडित जसराज विवाहित थे बावजूद इसके वो प्रोतिमा को साथ चाहने लगे थे । प्रोतिमा को बंधन महसूस हुए तो वो इस रिश्‍ते से भी दूर हो गईं ।

सियासत के लोगों से भी संबंध
प्रोतिमा बेदी के संबंध सियासतदानों से भी रहे । जाने माने वकील और कांग्रेस नेता रजनी पटेल की जिंदगी में जब प्रोतिमा आईं, तब वो कैंसर से जूझ रहे थे । प्रोतिमा ने अपनी किताब टाइमपास में रजनी पटेल के साथ संबंधों को लेकर विस्तार से लिखा है  । लेकिन रजनी की पत्नी बकुल को इस अफेयर की भनक लग गई । जब रजनी का निधन हुआ तो प्रोतिमा उनके अंतिम संस्कार में भी गईं थीं । कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री रहे वसंत साठे भी उनकी जिंदगी का हिस्‍सा रहे । प्रोतिमा ने अपनी किताब में उनके बारे में भी लिखा है ।

अधूरी ही रहीं प्रोतिमा
प्रोतिमा बेदी की जिंदगी में इसके बाद भी कई पुरुष आए, लेकिन ज्‍यादातर वही भाए जिनके पहले से परिवार थे । कुछ समय उनके पास रहने के बाद वो अपने परिवार में लौट जाते । प्रोतिमा की जिंदगी मर्दों के अलावा नशे के भी नाम रही । हालांकि जब उनके बेटे की मौत हुई तो उन्‍हें अपने सिर के सारे बाल मूंड दिए । खुद को कर्नाटक में डांस विलेज नृत्यग्राम बनाने में व्यस्त कर दिया । वो एक संन्यासिन बन गईं थीं । 18 अगस्त 1998 का दिन उनके जीवन का आखिरी दिन बन गया, वो कैलास-मानसरोवर की यात्रा पर थीं जहां एक लैंड स्‍लाइड में उनकी जान चली गई ।