कश्मीर घाटी- आतंकियों में मचा हड़कंप, है कोई जो एक-एक कर सबको मरवा रहा है
हिजबुल कहता है कि टीआरएफ भारतीय सेना का एजेंट है, इसके बाद एक और ऑडियो आता है, जिसमें कहा गया कि बेगपोरा एनकाउंटर में टीआरएफ का हाथ है।
New Delhi, May 23 : कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान कामयाबी की राह पर है, इन दिनों आतंकियों का एक और ऑडियो क्लिप चर्चा में बना हुआ है, खुद को हिजबुल से जुड़ा बताने वाला शख्स कह रहा है कि उनकी संगठन में कोई है, जो एक-एक कर सबको मरवा रहा है, आतंकी आगे कहता है कि जुनैद और शूराज से अलग हुआ था, रियाज नायकू के मारे जाने के बाद चीफ ऑपरेशनल कमांडर की कुर्सी पर जुनैद को होना चाहिये था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
सुरक्षा बलों का अभियान
पहले नवीद बाबू पकड़ा गया, फिर रियाज नाइकू को मार गिराया गया, अब जुनैद सेहरई भी मारा गया, आतंकियों में हड़कंप मचा हुआ है, आतंकी कहता है कि पिछले कुछ समय से आतंकी संगठन एक-दूसरे के खिलाफ कोई ना कोई टेप जारी कर रहे हैं, क्या रियाज के बाद कुर्सी का झगड़ा है। मालूम हो कि इससे पहले बेगपोरा में रियाज नायकू के मारे जाने के बाद एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, सुरक्षाबलों के बढते शिकंजे से बौखलाये आतंकी संगठन अब एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, खुद को असली और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं, सोशल मीडिया पर ऑडियो क्लिप वायरल हो रहा है।
ऑडियो क्लिप चर्चा का विषय
पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप चर्चा का विषय बना हुआ है, इसमें आतंकी संगठन एक-दूसरे को एजेंट कहते हुए सुने जा रहे हैं, टीआरएफ नाम से बने नये आतंकी संगठन का दहशतगर्द कहता है कि हिजबुल के आतंकी निर्दोषो की हत्या करते हैं।
एक-दूसरे पर आरोप
हिजबुल कहता है कि टीआरएफ भारतीय सेना का एजेंट है, इसके बाद एक और ऑडियो आता है, जिसमें कहा गया कि बेगपोरा एनकाउंटर में टीआरएफ का हाथ है, आतंकी संगठन एक-दूसरे को फर्जी बता रहे हैं। आपको बता दें कि श्रीनगर के नवाकदल मुठभेड़ में दो आतंकियों जुनैद सहराई और तारिक अहमद शेख के मारे जाने के बाद भी एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें आतंकी कह रहा था कि वो फंस चुके हैं, जल्दी पत्थरबाज भेजो, मारे गये आतंकी जुनैद के साथ तारिक था, जिसने किसी शाहिद नाम के शख्स को फोन कर ये बातें कही थी।
फोन पर गिड़गिड़ा रहा था आतंकी
इस ऑडियो क्लिप में आतंकी कहता है अस्सलाम वालेकुम, शाहिद साहब, तारिक हूं मैं … हम फंस गये हैं नवाकदल में पुरानी लोकेशन में, वहां से नफर (बंदों) को भेजो जो पथराव करेंगे, पीछे वाली स़ड़क से वहीं से बंदों को भेजो, वो पत्थरबाजी करेंगे और हमें बाहर निकालेंगे। मेरा साथ जुनैद साहब हैं, जुनैद साहब सेहराई साहब हैं, अगर और कोई होता तो बात अलग होती, बाकी सब सही थी, जल्दी करो, ये आखिरी घड़ी है।