ये ‘सोनू सूद’ तो नहीं, लेकिन उनसे कम भी नहीं … मिलिए मुंबई के मददगारों से, चुपचाप कर रहे हैं काम
कोरोना संकट काल में कई लोग जरूरतमंदों के रहनुमा बनकर सामने आए हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो चुपचाप अपना काम कर रहे हैं । बिना किसी को बताए ये मदद का हाथ बढ़ाते जा रहे हैं ।
New Delhi, May 29: कोरोना वायरस महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला वो तबका है जो बामुश्किल कमा-खा रहा था । दिन की दिहाड़ी में उसका छोटा सा घर चल रहा था । ऐसे कई लोगों की मदद करने के लिए कई रहनुमा सामने आए हैं । सोशल मीडिया पर इनके मदद का गुणगान भी हो रहा है । लेकिन इस भीड़ में कुछ गुमनाम चेहरे ऐसे भी हैं जो चुपचाप अपनी नेकदिली का सुबूत पेश कर रहे हैं, खामोशी से उन लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें मदद की आस है । अमर उजाला की टीम ने ऐसे ही कुछ ऐसे ही लोगों की कहानी सबके सामने लाई है । मिलिए उन लोगों से जो सोनू सूद तो नहीं है लेकिन उनसे कम भी बिलकुल नहीं हैं ।
वर्सोवा में कद रहे हैं मदद
कप ऑफ टी, अवॉर्ड विनिंग शॉर्ट फिल्म बनाने वाले जितेन्द्र पिछले कई दिनों से लगातार वर्सोवा में घर-घर जाकर जरूरतमंद लोगों से मिल रहे हैं । उन्होने कहा कि उन्हें मुंबई से प्यार है इसलिए भाग नहीं सकता था। वर्सोवा में मैं शुरू से स्लम में रहने वाले बच्चों को थियेटर सिखाया करता था। कुछ लोग लॉकडाउन शुरू होने से पहले चले गए तो कुछ बाद में पैदल या ट्रकों के माध्यम से वापस गए। लेकिन कई परिवार वाले अभी रुके हुए हैं। हम जितने लोगों तक पहुंच पाते हैं उन तक दो हफ्तों का राशन पहुंचाते हैं। अब तक हम लोग करीब 300 परिवारों तक पहुंच गए हैं। इनमें से काफी ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास राशन कार्ड भी नहीं है।
अमितोष नागपाल
अगला नाम है ‘हिंदी मीडियम’ के संवाद लिखने वाले अमितोष नागपाल का । जिन्होने कहा कि जिस शहर से हम कमा रहे हैं उसके लिए अगर हम कुछ कर सके तो बेहतर है। अमितोष ने बताया कि उन्होने पहले खुद से मदद की फिर जब लगा कि अपनी जेब से नहीं हो पाएगा तो सोशल मीडिया फंड रेज करना शुरू किया । एनजीओ भी आकर जुड़े । इंडस्ट्री से कई सेलेब उनसे जुड़े हुए हैं । सोनू सूद ने हजार किलो चावल दान किया, अनुभव सिन्हा ने मदद की । इरफान खान की पत्नी सुतापा मदद कर रही हैं । अमितोष ने कहा कि वो एनएसडी से हैं, इसलिए जूनियर से लेकर सीनियर भी मदद के लिए सामने आ रहे हैं।
कुलदीप रूहिल
अगला नाम संवाद लेखक कुलदीप रुहिल का है जो लगातार गोरेगांव इलाके में मदद पहुंचा रहे हैं । अमर उजाला की टीम से बात करते हुए उन्होने कहा कि वो गोरेगांव में रहते हैं । आस पास रहने वाले जरुरतमंद कलाकारों, मजदूरों, परिवारों और ऑटो रिक्शा चालकों की एक लिस्ट तैयार की है, साथियों की मदद से उन तक सहायता पहुंचा रहा हूं । कोशिश है सब तक मदद पहुंचे । कुलदीप ने बताया कि उनसे उन्हीं की इंडस्ट्री से जुड़े लोग मदद मांग रहे थे । कुलदीप ने बताया कि एक जूनियर आर्टिस्ट ने उनसे संपर्क किया था, वो दो दिन से भूखा था । मैंने तुरंत सुनील ग्रोवर को फोन किया । वह गाड़ी लेकर आए तो हम उसकी मदद के लिए पहुंचे । ऐसे कई और नाम हैं जो चुपचाप से अपना काम कर रहे हैं, मदद कर रहे हैं ।