शोएब अख्तर ने दुष्कर्म के आरोपों पर तोड़ी चुप्पी, कहा पाक टीम प्रबंधन की वजह से…

शोएब अख्तर ने कहा कि मैंने पीसीबी से कहा कि मेरा क्या लेना-देना है, पीसीबी ने मुझसे कहा कि तुम बहुत पार्टी करते हो, लेकिन ये सब चीज किसी और ने की थी।

New Delhi, Jun 09 : पाकिस्तान के पूर्व धुरंधर तेज गेंदबाज शोएब अख्तर क्रिकेट के मैदान के साथ-साथ बाहर भी विवादों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं, अपने लंबे करियर में वो कई विवादों में फंसे, ऐसा ही एक मामला है, साल 2005 में जब शोएब अख्तर पर बलात्कार की कोशिश का संगीन आरोप लगा था, रावलपिंडी एक्सप्रेस ने अब इन आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए बड़ी बात कही है।

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लगा था दुष्कर्म का आरोप
शोएब अख्तर ने हेलो ऐप्प के साथ खास बातचीत में बताया कि मुझ पर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर साल 2005 में बलात्कार की कोशिश का आरोप लगा था, लेकिन सच्चाई ये है कि पाकिस्तान टीम का कोई और खिलाड़ी थी, लेकिन लड़की से गलतफहमी हो गई, पाकिस्तान टीम प्रबंधन ने उस खिलाड़ी की करतूत छिपाई थी, मैंने पीसीबी से कहा कि लड़के के नाम का खुलासा ना करें, लेकिन कम से कम से बता दें कि शोएब अख्तर वहां नहीं था, लेकिन जब मेरा नाम आया, तो लोग मुझे पर शक करने लगे।

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मुझे बदनाम करने की कोशिश
रावलपिंडी एक्सप्रेस ने कहा कि मैंने पीसीबी से कहा कि मेरा क्या लेना-देना है, पीसीबी ने मुझसे कहा कि तुम बहुत पार्टी करते हो, लेकिन ये सब चीज किसी और ने की थी, पीसीबी ने आज तक मेरा नाम साफ नहीं किया है, मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई, आज मैं पहली बार दुनिया के सामने इस पर बात कर रहा हूं, ये हरकत ऐसे खिलाड़ी ने की थी, जो टीम का सबसे शरीफ आदमी कहा जाता था, मालूम हो कि 2005 में शोएब अख्तर को बीच दौरे से ही पाकिस्तान वापस बुला लिया गया था, जिसकी वजह से शक इसी तेज गेंदबाज पर गया था।

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कभी नहीं देखी नस्लवाद की घटना
शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि उन्हें कभी खेल के मैदान पर नस्लीय भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा, उन्होने कहा कि एक वाकया है सचिन कोलकाता में रन आउट हो गये थे, लोगों ने समझा कि मेरी गलती है, उस समय लगा कि हो सकता है लेकिन हुआ नहीं, हिंदुस्तानियों ने कभी हूटिंग नहीं की, ना ही मुझे ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा, भारत में डर था कि पाकिस्तान या कश्मीर को लेकर नारेबाजी हो, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुई, 2004-05 में मुझे डर था कि कहीं कोई ऐसा वाकया ना हो जाए, लेकिन कभी कोई हिंदू-मुसलमान की बात नहीं हुई।