इस दिन लगने वाला है सूर्यग्रहण, कोरोना से है खास कनेक्‍शन, दुर्लभ संयोग में सोने के कंगन जैसा दिखेगा

देश में 21 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है, कोरोना काल में इस ग्रहण का सभी को बेसब्री से इंतजार है । इसकी वजह भी बेहद खास है । आगे पढ़े पूरी जानकारी ।

New Delhi, Jun 11: आने वाली 21 को साल क पहला सूर्यग्रण लग रहा है । इस दिन आषाढ़ महीने की अमावस्या होगी । चूंकि ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिलेगा । देश में दिखाई देने के कारण इस ग्रहण का सूतक भी माना जाएगा । ज्‍योतिष विज्ञानियों के अनुसार ग्रहण के समय सूर्य भगवान मिथुन राशि में विराजमान होंगे । इस वजह से इस राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा । मानसिक तनाव से लेकर पारिवारिक तनाव की भविष्‍यवाणी है ।

Advertisement

सूर्य ग्रहण का समय
भारत में सूर्यग्रहण की शुरुआत 21 जून की सुबह 10 बजकर 31 मिनट के आसपास होगी और इसकी समाप्ति 02 बजकर 04 मिनट पर होगी । ग्रहण की कुल अवधि 03 घंटे 33 मिनट की होगी। दोपहर 12:18 बजे के करीब ग्रहण अपने पूर्ण प्रभाव में रहेगा। ग्रहण को लेकर खास बात ये है कि इस बार चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढक पाएगा । ऐसा दोनों में एक उचित दूरी के कारण होगा । 21 जून को पड़ने जा रहा ये सूर्य ग्रहण कुंडलाकार या वलयाकार होगा । इस ग्रहण में ‘रिंग ऑफ़ फायर’ बनाता है, लेकिन यह पूर्ण ग्रहण से अलग होता है । सूर्य ग्रहण के दौरान सोने के कंगन जैसा दिखेगा ।

Advertisement

कोरोना से कनेक्‍शन
ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार इस ग्रहण के बाद ऐसे योग बनने लगें जिससे कोरोना का संकट खत्म होना शुरू हो जायेगा । भविष्‍यवाणी भी की गई है कि सितंबर तक भारत में कोरोना को लेकर स्थिति अनुकूल हो जाएगी । सूर्य ग्रहण प्रकृति में एक बदलाव लेकर आता है, और उसी वजह से कोरोना के संकट से मुक्ति मिलने की बात कही जा रही है । ये सूर्य ग्रहण भारत, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, इथियोपिया, पाकिस्तान और चीन सहित अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा । ग्रहण का सूतक का 20 जून की रात 09:25 PM से शुरू हो जायेगा।

Advertisement

इन बातों का रखें ध्‍यान
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इसका असर सभी जीवित वस्‍तुओं पर पड़ता है । ग्रहण के दौरान कई धार्मिक मान्यताओं की बात सामने आती है, जिसमें ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है, इसलिए ऐसा कहा गया है । सूर्य ग्रहण के समय घर में पके हुए खाने में एक तुलसी का पत्‍ता रखने को कहा जाता है । एक जरूरी बात, सूर्य ग्रहण को कभी भी नेकेड आई से देखने की कोशिश ना करें । ये नुकसान पहुंचा सकता है ।