सुसाइड से 3 दिन पहले किया था पिता को आखिरी फोन, सुशांत सिंह राजपूत एक बात को लेकर थे परेशान

सुशांत सिंह राजपूत ने निधन से 3 दिन पहले ही अपने पिता को कॉल किया था, वो एक बात को लेकर बहुत परेशान थे । उनकी केयरटेकर से भी उन्‍होने ये बात कही थी ।

New Delhi, Jun 15: जो बाप इस बात का गर्व करता था कि उसका बेटा इतनी छोटी उम्र में देश का चहेता सितारा बन गया है, आज वो ये समझ नहीं पा रहा है कि उसके हंसते-मुस्‍कुराते बेटे को आखिर क्‍या हो गया । क्‍यों पर्दे पर जीने का फल्‍सफा सुनाने वाला उनका बेटा दुनिया को बिना कुछ कहे चला गया । जीना छोड़कर क्‍यों मौत के फंदे पर झूल गया । सुशांत अपने पीछे कोई ससुाइड नोट नहीं छोड़ गए हैं, उनके पिता को बेटे से की गई आखिरी बात रह-रहकर याद आ रही है ।

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तीन दिन पहले की थी कॉल
सुशांत सिंह राजपूत की मां का 2012 में निधन हो गया था । 4 बहनों के सबसे छोटे भाई थे सुशांत, सबके लाडले और चहेते । पापा से काफी अटैचमेंट भी था, उनसे दूर थे तो उनकी सेहत की चिंता उन्हें हरदम सताती थी । सुशांत के निधन के बाद पता चला है कि उन्‍होने तीन दिन पहले ही अपने पापा से फोन पर बात की थी । इस आखिरी कॉल में उन्होंने अपने पापा को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए घर से बाहर न जाने की सलाह दी थी ।

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केयरटेकर को दी थी हिदायत
सुशांत सिंह राजपूतके पापा कृष्ण कुमार सिंह पटना में अकेले रहते हैं । उनकी देखरेख के लिए घर में एक केयरटेकर रहती हैं, जिनका नाम लक्ष्मी बताया जा रहा है । सुशांत ने जब आखिरी बार पापा से बात की थी तो उनकी केयरटेकर से भी बात की, लक्ष्‍मी को सुशांत ने कहा था कि प्लीज मेरे पापा को कोरोना वायरस से बचाना । लक्ष्मी ने ये जानकारी देते हुए मीडिया से कहा कि रविवार को जब सुशांत के पिता लंच करने के लिए बैठे तब मुंबई से उन्हें कॉल आया था ।

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खबर सुनकर बेसुध हो गए सुशांत
सुशांत के पिता को ये कॉल मुंबई पुलिस से आया था । जिन्होंने जानकारी दी कि सुशांत ने अपने घर में सुसाइड कर लिया है । सुशांत की मौत की खबर सुनकर उनको चक्कर आ गए थे, फिर उनके दोस्त और पड़ोसियों ने उन्हें संभाला । लक्ष्मी ने बताया कि सुशांत उन्हें ‘दीदी’ कहकर पुकारते थे । वह रोजाना अपने पिता को कॉल करते थे । लक्ष्‍मी सुशांत को बाबू कहकर पुकारती हैं, उन्‍होने कहा कि करीब दो दिन पहले मेरे से बाबू  ने बात की थी और कहा था, पापा को भी और आप भी कोरोना से बचकर रहिएगा । वो पटना आने की बात कह रहे थे और बोले थे कि पिताजी को अपने साथ ले जाएंगे । लेकिन बाबू तो नहीं आया, उसकी जगह यह मनहूस खबर आ गई ।