अमेरिका: भारतीय IT प्रोफेशनल्‍स को बहुत बड़ा झटका, डोनाल्ड ट्रंप ने सस्पेंड कर दिया H1-B वीजा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका वासियों के हित में लिए गए इस फैसले के बारे में कहा कि यह कदम हमारे उन देशवासियों की मदद करने के लिए जरूरी था, जिन्होंने मौजूदा समय में अपनी नौकरी खो दी है ।

New Delhi, Jun 23: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1-B वीजा निलंबित करने की घोषणा के साथ ही दुनिया भर के उन पेशेवरों को झटका दे दिया है जिनकी रोजी रोटी अमेरिका से चलती थी । भारत समेत दुनिया के आईटी प्रोफेशनल को ये बड़ा झटका लगा है । राष्‍ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद ये निलंबन साल के आखिर तक वैध रहेगा । ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, ये आधिकारिक फैसला अमेरिकी श्रमिकों के हितों के लिए लिया गया है ।

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ट्रंप ने क्‍या कहा ?
डोनाल्‍ड ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यह कदम उन अमेरिकी लोगों की मदद करने के लिए अति आवश्यक था, जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट के कारण अपना रोजगार, नौकरी खो दी है । आपको बता दें अमेरिका में नवंबर के महीने में ही राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, जिससे पहले ट्रंप ने ऐसा फैसला कर अलग-अलग व्‍यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार संगठनों की ओर से इस आदेश के बढ़ते विरोध की अनदेखी की है ।

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24 जून से लागू होगा
बाहरियों पर ये निलंबन 24 जून से लागू होगा । इस एच-1 बी वीजा के निलंबन के कारण बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर प्रभावित हो सकते हैं । जानकारी के अनुसार अब उन्हें स्टैम्पिंग से पहले कम से कम साल के आखिर तक इंतजार करना होगा । ट्रंप का ये फैसला बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवरों को प्रभावित करने वाला है, वो सभी अपने एच -1 बी वीजा को रिन्यू कराना चाहते थे । डोनाल्ड ट्रंप के इस स्‍वार्थी फैसले के कारण दुनियाभर से अमेरिका में नौकरी करने का सपना देखने वाले 2.4 लाख लोगों को धक्‍का लग सकता है ।

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क्या है एच-1बी वीजा ?
एच-1बी वीजा अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों के विदेशी कामगारों को दिया जाता है, इस वीजा की एक तय समय अवधि होती है । विस्‍तार में बताएं तो एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है । अमेरिका में काम करने वाली कंपनियों को यह वीजा ऐसे कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो । वीजा की वैलिडिटी छह साल की होती है । अमेरिका में इंडियन आईटी प्रोफेशन्‍ल्‍स की डिमांड सबसे ज्‍यादा रहती है, जिसकी वजह से भारत में इस वीजा के होलडर सबसे ज्‍यादा भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स ही हैं । ट्रंप के इस फैसले के बाद इन सबकी मुश्किल बढ़ने वाली है ।