एशिया में चीन की दादागीरी मंजूर नहीं, यूएस का ऐलान- युद्ध हुआ तो हम भारत के साथ  

भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात में अमेरिका ने अपनी सिथति स्‍पष्‍ट कर दी है । अमेरिका की ओर से ऐलान कर दिया गय है कि वो चीन की एशिया में दादागीरी को कतई मंजूर नहीं कर सकता ।

New Delhi, Jul 07: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा, दोनों देशों के बीच तनाव के हालात बने हुए हैं । इस बीच चीन की अन्‍य देशों से भी तनातनी की खबरें आ रही हैं । इन सबके बीच व्हाइट हाउस की ओर से सोमवार को ये ऐलान कर दिया कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात बनते हैं तो ये स्पष्ट है कि अमेरिकी सेना भारत का ही साथ देगी ।

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चीन की दादागीरी नहीं चलेगी
व्हाइट हाउस की ओर से ये स्पष्ट रूप से कह दिया गया है कि वे चीन को एशिया में दादागिरी करने नहीं दे सकते । व्हाइट हाउस के इस ऐलान के कुछ समय बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि चीन के कारण अमेरिका और बाकी दुनिया को भारी क्षति पहुंची है । व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने ‘फॉक्स न्यूज’ को एक सवाल के जवाब में बताया –  ‘संदेश स्पष्ट है. हम खड़े होकर चीन को या किसी और को सबसे शक्तिशाली या प्रभावी बल होने के संदर्भ में कमान नहीं थामने दे सकते, फिर चाहे वह उस क्षेत्र में हो या यहां।’

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दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना
वहीं आपको बता दें, अमेरिका द्वारा दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत तैनात किये जाने के बाद अधिकारी की ओर से यह बयान बहुत ही महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है । अमेरिका के राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भी एक बार फिर ट्वीट कर, चीन को चेतावनी दी है, –  ‘चीन के कारण अमेरिका और बाकी दुनिया को भारी क्षति पहुंची।’  अमेरिका का ये मानना है कि कोरोना वायरस महामारी चीन की ही लापरवाही का नतीजा है, जिसका खमियाजा सबसे ज्‍यादा अमेरिका ने ही भुगता है । लाखों लोग इस संक्रमण की चपेट में हैं और लाख से ज्‍यादा की मौत हो चुकी है । कोराना के कारण यूरोप और भारत समेत दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था लगभग थम सी गई है ।

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नौसेना के विमान वाहक पोत पर बोले मीडोज
मीडोज ने ये भी कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने दो विमान वाहक पोत भेजे हैं । उन्होंने कहा कि –  ‘हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है।’ आपको बता दें चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, इतना ही नहीं वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के भी क्षेत्रों को लेकर उसके दावे हैं ।

चीन एप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला बढि़या
मीडोज ने इंटरव्यू के दौरान भारत के चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसलों को भी बढ़िया बताया । आपको बता दें भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में पिछले 8 सप्ताह से गतिरोध जारी है । 15 जून को हालात तब बिगड़ गए जब गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई । जिसमें भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए । हालांकि, अब खबर है कि चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को indo china अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है । राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की थी, जिसके बाद एलएसी से सैनिकों के ‘तेजी से’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमती बन गई ।