SoG की जांच क्या है ? जिसके बाद राजस्थान सरकार में छिड़ गया संग्राम, अभी जानें

राजस्थान में सियासी संकट पर आज फैसला हो सकता है, कांग्रेस की बुलाई बैठक में अगर सचिन पायलट हिससा नहीं लेते, तो पार्टी उनपर एक्शन ले सकती है ।

New Delhi, Jul 13: राजस्थान में सियासी घमासान चरम पर है, राज्‍य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आमने सामने हैं । अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की सियासी जंग अब बहुत आगे बढ़ गई है । 2018 में हुए चुनाव के बाद से ही गहलोत और पायलट खेमे के बीच मतभेद सामने आते रहे हैं । लेकिन अब अशोक गहलोत ने पायलट पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है, इसे साथ ही एक्‍शन भी लिया गया है । लेकिन इस कार्रवाई में आए  एक नोटिस ने सचिन पायलट को बेहद नाराज कर दिया है, इतना कि उनके पार्टी छोड़ने तक के आसार नजर आ रहे हैं । कैसे शुरू हुआ ये विवाद और उस नोटिस में क्‍या है । आगे पढ़ें ।

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गहलोत सरकार के आरोप
राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत पिछले काफी समय से बीजेपी पर ये आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने की कोशिशें जारी हैं । जो हाल कुछ समय पहले मध्‍य प्रदेश में हुआ कुछ वैसा ही हाल ही में हुए राज्यसभा pilot चुनाव के दौरान राजस्थान में हुआ था । यहां तक कि अशोक गहलोत ने अपने विधायकों को रिजॉर्ट में रखा, खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप भी लगाए । लेकिन हाल ही में जब कुछ निर्दलीय विधायकों की फोन रिकॉर्डिंग होने का मामला सामने आया तो गहलोत के पैरों तले जमीन खिसक गई । यहां विधायकों की खरीद फरोख्त की बात की जा रही थी ।

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जांच के लिए बना स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
जिसके बाद राजस्‍थान की सरकार ने विधायकों की खरीद फरोख्‍त मामले की जांच के लिए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का गठन किया, इसे ही SoG कहते हैं । ये ग्रुप इस मामले की पूरी जांच कर रहा था । जांच में जब पता चला कि निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया फोन पर विधायकों को खरीदने की बात कर रहे हैं, साथ ही वो गहलोत और पायलट के बीच की लड़ाई का फायदा उठाने की भी बात कर थे जिससे सरकार आसानी से गिर सकती है । इस बातचीत के सामने आने के बाद एसीबी कुल 3 विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज की । साथ ही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने बीजेपी के 2 नेताओं को भी गिरफ्तार किया ।

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पायलट को भी नोटिस
और इसी कार्रवाई की अगली कड़ी में वो नोटिस सामने आया जिसकी वजह से सचिन पायल बुरी तरह बिफर गए । SOG ने जब मामले की जांच शुरू की तो, तो 10 जुलाई को एक नोटिस उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को भी भेजा गया । नोटिस में विवादित मामले को लेकर उनसे सवाल-जवाब करने और बयान दर्ज करने के लिए समय मांगा गया था, लेकिन सचिन पायलट को ये नोटिस परेशान कर गया । दरअसल इससे पहले भी अशोक गहलोत ये कह चुके थे कि पार्टी ने जिन्हें मंत्री बनाया और पद दिया, वही गद्दारी कर रहे हैं । हालांकि गहलोत की ओर से सफाई दी गई, कि ये बयान पायलट के लिए नहीं था ।