विधायकों के परेड के बाद भी नंबर गेम में फंसी गहलोत सरकार, जानिये सचिन कैसे बदल सकते हैं समीकरण

अशोक गहलोत ने भले ही कैमरे के सामने विधायकों की परेड कराई हो, लेकिन उन्हें अभी भी पूरी तरह से विधायकों पर भरोसा नहीं है, यही वजह है कि गहलोत खेमे के विधायकों को अब भी घर जाने की इजाजत नहीं मिली है।

New Delhi, Jul 14 : राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जिस तरह से सोमवार को अपने विधायकों की परेड कराई, उससे भले कांग्रेस ने राहत की सांस ली हो, लेकिन राजस्थान में सियासी संकट अभी टला नहीं है, गहलोत ने दावा किया है कि कांग्रेस के 88 विधायकों के अलावा दूसरे दलों के विधायकों को मिलाकर उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है, यही कारण है कि अब डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती दे डाली है, सचिन के तेवर देखने के बाद कहा जा रहा है, कि राजस्थान सरकार अब नंबर गेम में पूरी तरह से फंस चुकी है।

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विधायकों पर भरोसा नहीं
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने भले ही कैमरे के सामने विधायकों की परेड कराई हो, लेकिन उन्हें अभी भी पूरी तरह से विधायकों पर भरोसा नहीं है, यही वजह है कि गहलोत खेमे के विधायकों को अब भी घर जाने की इजाजत नहीं मिली है, सचिन पायलट का दावा है कि वो सरकार गिराने की स्थिति में हैं, दोनों ही नेताओं के दावों के बाद राजस्थान सरकार पर संकट के बादल मंडराता दिख रहा है।

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पायलट बिगाड़ सकते हैं समीकरण
सचिन पायलट ने दावा किया है कि उनके पास तीस से ज्यादा विधायकों का समर्थन है, वो कभी भी उनका साथ देकर सरकार को मुश्किल में डाल सकते हैं। ये बात गहलोत को भी अच्छे से पता है कि कुछ विधायक जो उनके साथ हैं, वो सचिन पायलट के करीबी दोस्तों में शामिल हैं, इसमें रामनारायण मीणा, चेतन डूडी, दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा तथा रोहित बोहरा का नाम शामिल है, ये विधायक कभी भी सचिन के साथ जा सकते हैं।

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एमपी वाली स्थिति
सचिन पायलट के साथ गुरुग्राम के मानेसर पहुंचे विधायक कभी भी कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं, अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में राज्यपाल की भूमिका अहम हो जाएगी, pilot राज्यपाल सीएम गहलोत को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिये बुला सकते हैं। एमपी में जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी को सपोर्ट कगिया था, वैसा ही राजस्थान में भी देखने को मिल सकता है, ऐसे में अगर तीस विधायकों के बाद सचिन पायलट बीजेपी में जाते हैं, तो कुछ निर्दलीय विधायकों को अपनी ओर खींचना बीजेपी के लिये मुश्किल नहीं होगा।

बीजेपी में जा सकते हैं
सचिन पायलट भले ही बीजेपी में ना जाने की बात कह रहे हों, लेकिन अगर वो ऐसा करते हैं, तो बीजेपी की राह भी आसान नहीं होगी, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया सचिन पायलट को किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री नहीं बनने देगी, ऐसे में पायलट के लिये बीजेपी की राह आसान नहीं है। पायलट ने भले गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, लेकिन प्रियंका गांधी के दखल के बाद कांग्रेस के कई दिग्गज नेता उनके संपर्क में हैं और उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं, अगर सचिन हाईकमान के कहने पर समझौता कर लेते हैं, तो राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर से एकजुट हो सकती है।