कोरोना के बाद बिल्कुल बदल जाएंगे रेलवे कोच, तस्वीरों में देखिये नया बदलाव

रेलवे के अनुसार ऐसे कोच को तैयार करने में करीब 6-7 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्चा आता है, योजना के तहत इस तरह का बदलाव बड़े स्तर पर रेल कोच में किया जाएगा।

New Delhi, Jul 15 : केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया के जरिये बताया है कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये भारतीय रेलवे ने नये तरह के कोच डिजाइन किये हैं, इनमें हैंड्सफ्री सुविधाएं, कॉपर कोटेड हैंडल, लैच, प्लाज्मा, एयर प्यूरिफायर, टाइटेनियम डी ऑक्साइड, कोटिंग वाले मेटेरियल से बनी सीटों का इस्तेमाल किया गया है, रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनकर तैयार नये रेल कोच में दरअसल सुविधाओं तथा सुरक्षा के नजरिये से वो तमाम बदलाव किये गये हैं, साथ ही नये पहलुओं को भी जोड़ा गया है, जिसके जरिये आपकी यात्रा में कोरोना की संभावनाओं को लगभग ना के बराबर किया जा सके।

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हाथ लगाने की जरुरत नहीं
रेलवे के अनुसार ऐसे कोच को तैयार करने में करीब 6-7 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्चा आता है, योजना के तहत इस तरह का बदलाव बड़े स्तर पर रेल कोच में किया जाएगा, इन बदलावों के साथ नये किस्म के रेल कोच लाये जा रहे हैं, ताकि कोरोना काल के बाद भी आपकी रेल यात्रा सुरक्षित तथा संक्रमण रहित हो, नये डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा गया है, कि कम से कम हाथ लगाने की जरुरत पड़े, इसलिये कई चीजें फुट ऑपरेटेड यानी पैरों के दबाने से चलेगी, तस्वीर में देखिये वॉशबेसिन को फुट ऑपरेटिड बनाया गया है।

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पैरों से चलने वाला फ्लश
रेलवे के नये कोच में टॉयलेट के पास पैरों से चलने वाला फ्लश लगाया गया है, बाथरुम में अब आपको हाथ से वाटर टैप छूने की जरुरत नहीं पड़ेगी, नये बदलाव के तहत अब आप पैर से या फूटप्रिंट के जरिये पानी या साबुन बाहर आ जाएगा, और आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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कॉपर का इस्तेमाल
रेलवे के डिजाइन नये कोच में गेट के हैंडल कॉपर कोटेड (तांबे की परत चढाकर) बनाये गये हैं, ताकि बैक्टीरिया तथा वायरस से बचाव हो सके।  आपको बता दें कि कॉपर यानी तांबा इकलौता धातु है, जो किसी भी बैक्टीरिया के संपर्क में आते ही मिनटों में मार देता है, तांबे के गुणों से भारतीय बहुत पहले से परिचित हैं, इसी वजह से पहले तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल होता था, आयुर्वेद में भी ये बात प्रमाणित है, तांबे को एंटी बैक्टीरियल तथा एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, साथ ही ये शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढता है।