राहुल गांधी के दखल के बाद बदले गहलोत के तेवर, सचिन पायलट की वापसी में जुटी है पार्टी!
सचिन पायलट का इस तरह पार्टी से अलग होना बड़ा नुकसान माना जा रहा है, कहा जा रहा है कि पार्टी ने प्रतिभाशाली युवा राजनेता का खो दिया है।
New Delhi, Jul 16 : राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के राजनीतिक भविष्य को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही है, ऐसा लग रहा है कि राहुल गांधी के इशारों पर सचिन के खिलाफ कार्रवाई की गई है, बुधवार को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर एक के बाद एक करारे हमले किये, असके बावजूद कांग्रेस की ओर से बार-बार सचिन को वापस आने के लिये कहा जा रहा है।
राहुल के करीबी दोस्त हैं पायलट
सचिन पायलट का इस तरह पार्टी से अलग होना बड़ा नुकसान माना जा रहा है, कहा जा रहा है कि पार्टी ने प्रतिभाशाली युवा राजनेता का खो दिया है, जिसे उसने खुद ही तैयार किया था, सचिन पायलट भी सिंधिया की तरह राहुल गांधी के करीबी दोस्तों में शामिल रहे हैं, जब सिंधिया पार्टी छोड़कर गये थे, तब भी कांग्रेस की जमकर आलोचना हुई थी, कहा गया था कि पार्टी ने युवा नेता को रोकने की कोशिश नहीं, शायद यही वजह है कि इस बार सचिन पायलट को मनाने की बार-बार कोशिश की जा रही है।
वापसी के लिये अपील
सूत्रों के अनुसार पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं चाहते हैं कि सचिन पायलट पार्टी से अलग हों, सूत्रों ने बताया कि सचिन को बेशक डिप्टी सीएम तथा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया हो, इसके बावजूद पार्टी के एक नेता उनके संपर्क में हैं, कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि कोई भी परिवार में वापस लौट सकता है, उन्होने ये भी कहा कि अगर किसी को कोई परेशानी है, तो मिलकर बैठकर बात कर सकते हैं, उन्होने सचिन को युवा और होनहार नेता भी कहा।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
सचिन खेमा लगातार सीएम गहलोत पर तरह-तरह के आरोप लगा रहा है, वहीं गहलोत का कहना है कि इनमें परिपक्वता का अभाव है, इनकी रगड़ाई ठीक से नहीं हुई है, सियासी जुमलेबाजी के बीच अशोक गहलोत ने कहा कि वो इस नई पीढी को प्यार करते हैं और आने वाला कल उनका है, साथ ही उन्होने नसीहत देते हुए कहा कि इनकी रगड़ाई ठीक से होती, तो ये अच्छा काम करते। वहीं सचिन पायलट का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से ही गहलोत उन्हें निशाना बना रहे हैं, उनकी गहलोत से कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन वो उन्हें काम ही करने नहीं दे रहे।