राजस्थान में सियासी संग्राम, हाई कोर्ट से राजभवन तक खींचतान, जानें नंबरगेम में कौन पड़ रहा भारी? 

राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए नोटिस पर स्टे लगा दिया है, जिसके बाद पायलट गुट को फौरी राहत मिल गई है । लेकिन आगे नंबरगेम किसकी टेंशन बढ़ाएगा, आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 24: राजस्‍थान में स्‍पीकर के नोटिस पर हाई कोर्ट के स्‍टे के बाद अब गहलोत गुट और पालट गुट में नंबर की लड़ाई होगी । जो विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहेगा, सियासी बाजी उसी के नाम होगी । राजस्थान में अब तक अशोक गहलोत, सचिन पायलट पर भारी पड़ते नजर आ रहे थे । उन्‍होने पायलट को सरकार और पार्टी के पद से हटाने में तो सफलता हासिल कर ली, लेकिन कानूनी लड़ाई में पायलट आगे निकलते दिख रहे हैं । हाईकोर्ट के स्‍टे के बाद अब नंबर गेम टेंशन बढ़ाने वाला है ।

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कांग्रेस के सामने बढ़ी चुनौती
अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाकर बागी विधायकों पर इसी सत्र में दबाव बनाने के मूड में थे, लेकिन मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है । माना जा रहा है कि इसके पीछे सचिन पायलट गुट को मिला बीजेपी और केंद्र सरकार का साथ है । अब कांग्रेस के लिए चुनौती बढ़ गई है । सीएम गहलोत की चुनौती अब विधानसभा में नंबरगेम की होगी, संख्या बल की ताकत से ही वो पायलट और बीजेपी दोनों को मात दे सकते हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि यह लड़ाई अब सीएम साहब के लिए भी आसान नहीं रही है ।

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विधानसभा के वर्तमान हालात
राजस्‍थान विधानसभा में अभी जो हालात हैं उसके मुताबिक अशोक गहलोत गुट में कांग्रेस से कुल 87 विधायक हैं, 10 निर्दलीय, 2 बीटीपी Sachin pilot से और एक सीपीएम से विधायक है । जबकि सचिन पायलट गुट का मौजूदा आंकड़ा 22 है, जिसमें 19 कांग्रेस के बागी विधायक तो 3 निर्दलीय विधायक शामिल हैं । वहीं बीजेपी और समर्थित दलों का कुल आंकड़ा 75 का है, जिसमें बीजेपी के  72, आरएलपी के 3 विधायक है ।

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नंबरगेम में गहलोत आगे
अभी की बात करें तो, मौजूदा नंबरों के हिसाब से सीएम गहलोत रेस में आगे चल रहे हैं । गहलोत के पास बहुमत के करीब या कहें फिर बहुमत जितने ही विधायकों का समर्थन है । अशोक गहलोत को पायलट की बगावत की भनक पहले से लग गई थी, जिसकी वजह से वो विधायकों के जाने से रोकने की रणनीति पर पहले दिन से ही काम कर रहे हैं । लेकिन राजनीति के जानकारों के मुताबिक गहलोत खेमे से 2-4 विधायकों के इधर-ध्‍यार होने के पूरे आसार हैं । जिसकी वजह से गहलोत के आंकड़े गड़बड़ा सकते हैं । यही वजह है कि कांग्रेस सचिन पायलट को मनाने की कोशिशें कर रही है ।