तीन भाई-तीनों सिपाही, नौकरी से तैनाती तक सब हुई एक साथ, परिवार – गांव को नाज  

गोरखपुर के तीन भाईयों ने कमाल ही कर दिखाया । इनकी कहानी हर किसी को प्रेरणा देती है । तीनों की जिंदगी में जन्‍म से लेकर अब तक जो कुछ हुआ वो हैरान करने वाला है ।

New Delhi, Jul 27: अपने बेटे या बेटी को खाकी वर्दी में देखकर किस पिता का सीना गर्व से चौड़ा नहीं होगा । गोरखपुर में रहने वाले एक शख्‍स को ये मौका अपने तीनों बेटों के लिए मिला है । गोरखपुर के गीडा क्षेत्र के वसुधा गांव के सत्यप्रताप यादव, प्राइमरी स्‍कूल में प्रधानाध्यापक हैं। उनकी पत्नी विमला देवी गृहणी हैं । उनके तीनों बेटे दिग्विजय यादव, गौरव यादव और सौरभ यादव एक ही महीने की अलग-अलग तारीखों की पैदाइश हैं । लेकिन तीनों ने एक साथ वो कर दिखाया जिसे अजग संयोग ही कहा जा सकता है ।

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पुलिस भर्ती में एक साथ चयन
प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद तीनों भाइयों ने नौकरी की तलाश शुरू की, साल 2018 में पुलिस भर्ती का विज्ञापन निकला तो तीनों ने ही एक साथ आवेदन कर दिया । संयोग ऐसा कि तीनों को ही शारीरिक परीक्षा के लिए गोरखपुर जिले में ही बुलाया गया । लिखित परीक्षा भी एक साथ फैजाबाद में हुई । जब दिसम्बर 2018 में रिजल्ट आया, तो तीनों भाई पास हो गए । इसके बाद ट्रेनिंग के लिए तीनों भाइयों को मिर्जापुर में पीएसी 39वीं वाहिनी आवंटित हुई । भाईयों ने एक साथ ट्रेनिंग भी पूरी की । इसके बाद पॉसिंग आउट परेड के बाद निकले तो तीनों भाइयों को तैनाती भी एक ही थाने में मिली, गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाने में तीनों की पहली तैनाती हुई है ।

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पिता हुए हैरान
तीनों भाईयों को एक साथ मिली इस सफलता को वो कुदरत का संयोग मानते हैं । प्रधानाध्‍यापक सत्‍यपाल यादव ने कहा – सब एक ही साथ होता गया। यह ईश्वर की जो मर्जी। वह बताते हैं कि उन्होंने बच्चों पर कभी कोई दबाव नहीं डाला कि उन्हें क्या पढ़ना हैं। हां, उनकी पढ़ाई का मूल्यांकन जरूर करता रहा। उनमें कम्पटीशन की भावना भरी और तीनों आपस में कम्पटीशन करते था जिसका बेहतर नतीजा सामने आया।

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ट्रेनिंग में अव्‍वल रहे तीनों
तीनों सगे भाईयों को पुलिस ट्रेनिंग के लिए मिर्जापुर भेजा गया था। यहां रहकर इन्‍होने एक जनवरी से सत्रह जुलाई तक ट्रेनिंग की । ट्रेनिंग सेंटर में आरआई गोरखनाथ सिंह के मुताबिक तीनों भाई काफी मेहनती हैं । तीनों ने ही ट्रेनिंग की अलग-अलग विधाओं में और आरक्षियों से बेहतरीन प्रदर्शन किया है । मिर्जापुर में लगभग सात महीने की ट्रेनिंग के दौरान,  परेड हो या लिखित परीक्षा सभी में तीनों का प्रदर्शन बेहतर रहा है । तीनों भाई आगे चलकर अधिकारी बनना चाहते हैं । दिग्विजय और सौरभ सिविल में और गौरव पुलिस में अधिकारी बनना चाहता है । तीनों ही सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं ।