राम मंदिर के ठीक नीचे, 2000 फीट पर दबाया जाएगा एक टाइम कैप्सूल, खास है ऐसा करने की वजह

अयोध्‍या राम मंदिर शिलान्‍यास की तैयारियां जोरों पर हैं, इस बीच मंदिर को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है । पूरी जानकारी आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 27: अयोध्‍या में राम मंदिर शिलान्‍यास की तैयारियां जोरों पर हैं । कई वर्षों का इंतजार खत्‍म होने को । राम मंदिर की जिम्मेदारी संभाल रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने रविवार को एक बड़ी जानकारी दी । उन्‍होने बताया कि राम मंदिर जिस स्‍थान पर बन रहा है, उसके हजारों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबाया जाएगा । ऐसा भविष्य में मंदिर से जुड़े तथ्यों को लेकर कोई विवाद न हो इसलिए किया जाएगा ।

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टाइम कैप्‍सूल में होंगे कई तथ्‍य
कामेश्वर चौपाल ने बताया कि इस कैप्सूल में मंदिर का इतिहास और इससे जुड़े तथ्यों के बारे में जानकारी होगी । चौपाल ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कह – ‘राममंदिर को लेकर चले संघर्ष और सुप्रीम कोर्ट में लंबे संघर्ष ने वर्तमान की और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख दी है । राम मंदिर निर्माण स्थल के 2,000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी राम मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहेगा तो उसे राम जन्मभूमि से जुड़े तथ्य मिल जाएंगे और इससे कोई नया विवाद पैदा नहीं होगा।’

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5 अगस्‍त को भूमि पूजन
कामेश्‍वर चौपाल ने आगे बताया कि इस टाइम कैप्सूल को एक ताम्र पत्र के अंदर रखा जाएगा । ट्रस्ट के इकलौते दलित सदस्य कामेश्वर चौपाल ने आगे जानकारी देते हुए कि 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए देश की कई ऐसी पवित्र नदियों से, जहां माना जाता है कि भगवान राम के चरण पड़े थे, जल और कई तीर्थों से मिट्टी लाई जा रही है । इस पवित्र जल से भूमि पूजन के दौरान अभिषेक किया जाना है ।

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प्रधानमंत्री के शामिल होने की संभावना
ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के अनुसार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्‍या में भूमि पूजन करेंगे और नींव की ईंट रखेंगे । इस समारोह में कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कैबिनटे मंत्री और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत भी शिरकत करेंगे । खबरें आ रही हैं कि, भूमि पूजन को दीवाली की तरह मनाए जाने की योजना बनाई जा रही है । पूरे देश में सभी घरों और मंदिरों में दिए और मोमबत्ती जलाने का आह्वाहन किया जाएगा , जगह-जगह ऐसे आयोजन भी होंगे । इस साल मार्च महीने में ‘राम लला’ की मूर्ति को एक अस्थायी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है । आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसला देते हुए जमीन पर मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था, जिसके बाद इसकी जिम्मेदारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दी गई है ।