सुशांत केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर सकते हैं सुशासन बाबू? जानिये क्या है कानूनी पहलू

पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील योगेश चंद्र वर्मा ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि इसमें कानूनी और तकनीकी दोनों पहलू है।

New Delhi, Jul 30 : सुशांत के संदेहास्पद मौत मामले में अभी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं, इनमें से सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस तरह से सुशांत की मौत हुई है, वो महज सुसाइड का मामला है या कोई साजिश, इस पर खूब चर्चा हो रही है, मामले में सुशांत के परिजन मुंबई पुलिस के जांच के तौर-तरीके और दिशा को लेकर सवाल उठा रहे हैं, इस केस की गंभीरता और बढ गई है, एक और सवाल ये उठ रहा है कि महाराष्ट्र सरकार कई बार छोटे-छोटे मसले की जांच भी सीबीआई को सौंप देती है, लेकिन इस मामले में अभी तक चुप है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने तो साफतौर से कह दिया, कि इस मामले की जांच फिलहाल सीबीआई को नहीं सौंपी जाएगी।

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क्या है तकनीकी और कानूनी पहलू
मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी शुरु हो चुकी है, बिहार में शेखर सुमन, तेजस्वी यादव, चिराग पासवान, पप्पू यादव समेत कई राजनेता मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, अब इसी क्रम में यूपी की पूर्व सीएम मायावती का नाम भी जुड़ गया है, उन्होने ट्वीट कर कहा है कि ये मामला लगातार गहराता जा रहा है, अब उस मामले की जांच सीबीआई से कराना ही बेहतर होगा, अब सवाल ये उठता है कि महाराष्ट्र सरकार के इंकार के बाद क्या बिहार सरकार के पास ये अधिकार है कि वो इस मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा करें, कानून के जानकारों की मानें, तो ये हो सकता है, लेकिन इसमें कुछ तकनीकी पहलू है।

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निष्पक्ष जांच की मांग
पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील योगेश चंद्र वर्मा ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि इसमें कानूनी और तकनीकी दोनों पहलू है, COURT पहली बात तो ये है कि चूंकि पटना के राजीव नगर थाने में सुशांत के पापा ने मामला दर्ज कराया है, इसलिये पटना पुलिस मामले की जांच कर रही है, तो बिहार सरकार के पास मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा करने का अधिकार है, दिल्ली इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत प्रदेश सरकार के पास ताकत है, दूसरा ये कि लार्जर इंट्रेस्ट ऑफ जस्टिस के तहत भी प्रॉपर इन्वेस्टिगेशन के लिये इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जा सकती है।

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सुप्रीम कोर्ट पर निगाहें
एडवोकेट ने कहा कि चूंकि ये मामला गंभीर है, घटना मुंबई में हुई है, तो इसके मेजर इन्वेस्टिगेशन महाराष्ट्र पुलिस के पास ही होंगे, लेकिन जब इसके तकनीकी पहलुओं को समझेंगे, तो अब बिहार पुलिस भी इसमें साझीदार है, ऐसे में दोनों के बीच समन्वय स्थापित करना एक बड़ा टास्क है, हालांकि आरोपी रिया चक्रव्रती ने केस को बिहार से महाराष्ट्र ट्रांसफर करने के लिये सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दिया है, ऐसे में देखना ये होगा, कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या निर्णय सुनाता है।