कोरोना ने ली योगी के मंत्री की जान, सबसे मुश्किल सीट पर हासिल की थी जीत

बीजेपी ने साल 1996 लोकसभा चुनाव में उन्हें घाटमपुर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतारा। उन्होने अप्रत्याशित तरीके से जीत हासिल की।

New Delhi, Aug 02 : योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण की कोरोना की वजह से रविवार को मौत हो गई है, 18 जुलाई को सिविल अस्पताल में उनके सैंपल की जांच की गई थी, जिसमें उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गई थी, उनके परिवार के दूसरे कई सदस्य भी कोरोना पॉजिटिव हैं, उनका इलाज लखनऊ पीजीआई में चल रहा था। 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें कानपुर के घाटमपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, इस सीट पर सालों बाद कोई बीजेपी प्रत्याशी जीता था, पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और लगन को देखते हुए योगी सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था, वो तकनीकी शिक्षा मंत्री थी।

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पार्षद से सांसद, विधायक और मंत्री तक का सफर
लखनऊ में पैदा हुई कमला रानी वरुण की शादी एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल वरुण आरएसएस के प्रतिबद्ध स्वंयसेवक रहे हैं, समाजशास्त्र से एमए तक की पढाई करने वाली कमलारानी ने 1989 में पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा था, चुनाव जीतकर वो नगर निगम पहुंची, फिर 1995 में दोबारा उसी वार्ड से निर्वाचित हुई।

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दो बार बनी सांसद
बीजेपी ने साल 1996 लोकसभा चुनाव में उन्हें घाटमपुर संसदीय सीट से चुनावी मैदान में उतारा। उन्होने अप्रत्याशित तरीके से जीत हासिल की, फिर 1998 में दोबारा उसी सीट से जीती, 1999 लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने उन्हें सिर्फ 585 वोटों से हराया था, सांसद रहते हुए उन्होने लेबर एंड वेलफेयर, उद्योग, महिला सशक्तिकरण, राजभाषा, पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समितियों में रहकर काम किया।

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घाटमपुर से विधानसभा टिकट
2012 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें रसूलाबाद (कानपुर देहात) से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन वो जीत हासिल नहीं कर सकी, फिर साल 2015 में उनके पति का निधन हो गया, जिसके बाद उन्होने पार्टी से घाटमपुर सीट से टिकट मांगा, इस बार पार्टी ने उन्हें इसी सीट से मैदान में उतारा और उन्होने इतिहास बदल दिया, वो इस सीट से पहली बीजेपी विधायक थी।