कोकिलाबेन और धीरूभाई अंबानी की दिलचस्‍प प्रेम कहानी, हर नए काम का शुभरंभ उन्‍हीं से करवाते थे

कोकिला बताती हैं कि उन्‍हें अंग्रेज़ी न जानने के कारण प्रोजेक्ट से जुड़ी बाते समझने में दिक्कत होती थी, धीरूभाई ने इसका भी हल निकाल लिया था ।

New Delhi, Aug 25: धीरू भाई अंबानी भारत के ही नहीं विश्‍व के अमीरों में से एक गिने जाते रहे हैं, अंबानी परिवार आज भी सिर ऊंचा कर विश्‍व के सबसे अमीरों की सूची में शामिल है । कई सालों पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी से जुड़ी कई जानकारियां आपने जरूर पढ़ी होंगी, लेकिन क्‍या आप जानते हैं पत्‍नी कोकिलाबेन से उनके रिश्‍ते कैसे थे । पत्‍नी के साथ संघर्ष के दिन कैसे बीते थे । चलिए आगे बताते हैं आपको दोनों के रिश्‍ते से जुड़ी कुछ खास बातें ।

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मध्‍यमवर्गीय परिवार से नाता
कोकिला जन्‍म जामनगर में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था, साल 1955 में दोनों की शादी हुई और कुछ समय बाद ही वो काम के सिलसिले में अदेन चले गए । अदेन यानी यमन पहुंचने के कुछ समय बाद उन्‍होने पत्‍नी को भी पास बुला लिया । इस यात्रा से जुड़ा एक किस्‍सा कोकिलाबेन ने एक इंटरव्‍यू में बताई थी, दरअसल जब कोकिला गुजरात के चोरवाड़ से अदेन के लिए निकलीं तब धीरूभाई का फोन आया, जिसमें उन्होंने कहा था – “मैंने तुम्हारे लिए गाड़ी ली है, मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं । बताओ गाड़ी का रंग क्या होगा? मैं बताता हूं, इट इज़ ब्लैक लाइक मी।” धीरूभाई के प्‍यार जताने के अंदाज पर फिदा थीं कोकिलाबेन ।

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पत्‍नी से सलाह-मशविरा लेते थे धीरूभाई
कोकिलाबेन बताती हैं कि धीरूभाई अंबानी जब भी कोई नया काम शुरू करते थे तो उनसे सलाह मशविरा ज़रूर करते थे । उनका अपनी पत्नी के लिए सम्मान बहुत ज़्यादा था। इतना ही नहीं किसी भी नए काम का शुभारंभ भी वो कोकिलाबेन से हीं करवाते थे। बताया जाता है कि हर नए प्रोजेक्ट को शुरू करने पर वो कोकिलाबेन से इस बारे में बात करते । कोकिला बताती हैं कि उन्‍हें अंग्रेज़ी न जानने के कारण प्रोजेक्ट से जुड़ी बाते समझने में दिक्कत होती थी, धीरूभाई ने इसका भी हल निकाल लिया था । उन्‍होंने पत्‍नी के लिए एक अंग्रेज़ी का टीचर रख लिया था। इतना ही नहीं उन्‍होने बताया कि धीरूभाई जब भी किसी नए शहर जाने की प्‍लानिंग करते तो उस शहर से जुड़ी जानकारी निकालने की जिम्‍मेदारी कोकिला बेन पर डाल देते ।

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बिलकुल घमंड नहीं था
कोकिलाबेन ने इंटरव्‍यू में बताया था कि जब हमने नया एयरक्राफ़्ट खरीदा था तो तो उन्होंने मेरे दोस्तों को भी बुलाने की ज़िद की थी । वो अपने दोस्तों को अकसर ही घूमने के लिए बुलाया करते थे, मुझे भी इसके लिए प्रेरित करते। कोकिला कहती हैं कि धीरूभाई में बिलकुल घमंड नहीं था । लेकिन साल 2002 कोकिलाबेन के लिए मुश्किल रहा, धीरूभाई अंबानी की हार्ट अटैक से अचानक मौत हो गई । कोकिलाबेन और धीरूभाई का नाम अमर रहे, इसलिए 2009 में धीरूभाई और कोकिलाबेन के नाम से एक अस्पताल खोला गया ।