चीन की हर हरकत का चल जाता है पता, धरती से आसमान तक भारतीय सेना 24 घंटे कर रही निगरानी
चीन इस धोखे में ना रहे कि उसकी चालबाजियों पर किसी की नजर नहीं है, आधुनिक उपकरणों से लैस भारतीय सेना उसकी हर एक हरकत पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रही है ।
New Delhi, Sep 08: एलएसी पर भारत अज्ञैर चीन के बीच स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है । चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और भारतीय सेना भी उसे माकूल जवाब दे रही है । लेकिन चीन को अगर ये लगता है कि वो दबे-छिपे नियंत्रण रेखा को पार कर एक इंच जमीन भी कब्जा सकता है तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल होगी । चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की जरा सी हलचल की भी खबर भारतीय जवानों को पलक झपकते ही लग जाती है । भारत चीन के हर कदम पर चौबीसों घंटे निगरानी रख रहा है । धरती से लेकर आसमान तक, पहरेदारी में जरा भी चूक मुमकिन नहीं है ।
आधुनिक उपकरणों से रखी जा रही है नजर
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एलएसी पर आधुनिक उपकरणों के जरिए भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर नजर रख रही है, सेना को देश के सेटेलाइट के जरिए दुश्मन की हर गतिविधि के बारे में एकदम सटीक जानकारी मिल रही है। सैअेलाइट से मिलने वाली जानकारियों के कारण ही भारतीय जांबांजो ने एलएसी पर अब तक चीन की हर चाल को नाकाम किया है, चीन से दो कदम आगे चलते हुए ब्लैक टॉप समेत कुछ चोटियों पर कब्जा कर खुद को रणनीतिक रूप से मजबूत कर लिया है ।
चिनूक भर रहे उड़ान
इसके अलावा दिन-रात उड़ान भर रहे वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर भी उंचाई से दुश्मन के इलाकों पर तीखी नजर बनाए हुए हैं । पूर्वी लद्दाख के अपने दौरे के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने खुद ही सेना के निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने और हर चुनौती का मुकाबला करने की सेना की तैयारियों की समीक्षा भी की थी। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता के अनुसार, कारगिल के बाद सेना के सर्वेलांस सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की गई थी। आज सेना, वायुसेना के पास विश्व के बेहतर निगरानी यंत्र हैं। इनमें आधुनिक मानवरहित टोही विमान(यूएवी) व ड्रोन भी शामिल हैं।
सैटेलाइट रिसैट 2बी आर1
अंतरिक्ष भारतीय सेना का दोस्त है ये सैटेलाइट, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो ने कुछ महीने पहले ही लॉन्च किया था । हर मौसम में कारगर यह सैटेलाइट राडार इमेजिंग से चीन की हर हरकत पर नजर रख रहा है। रिसैट-2बीआर1 दिन और रात दोनों समय काम करता है । यह हर मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह सैटेलाइट माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला सैटेलाइट है । यह रीसैट-2 का आधुनिक वर्जन है और भारत का अंतरिक्ष में निगहबान भी । अंतरिक्ष में करीब 576 किमी की ऊंचाई से ये देश की सीमाओं पर नजर रख रहा है।