चीनी सेना की वुहान लैब में पैदा किया गया कोरोना वायरस, फरार वायरॉलजिस्ट ने दिए ‘पक्‍के सबूत’

कोरोना वायरस को लेकर चीन की फरार वायरोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर यान ने एक बार फिर सनसनी मचा दी है । यान ने इस बार सुबूत पेश किए हैं ।

New Delhi, Sep 16: संक्रामक वायरस को पूरी दुनिया में फैलाने की जिम्‍मेदारी ना लेने वाले चीन को लेकर अब बड़े खुलासे हो रहे हैं । चीन की मशहूर वायरॉलजिस्ट डॉ. ली-मेंग यान ने कुछ समय पहले आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस को वुहान के एक सैन्‍य लैब में पैदा किया गया है । अब डॉक्‍टर यान ने अपने इस सनसनीखेज दावे के समर्थन में ‘सबूत’ पेश कर दिए हैं ।

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डॉक्‍टर यान का दावा
डॉक्‍टर यान की ओर से एक एक रिपोर्ट प्र‍काशित की गई है, जिसमें डॉक्‍टर यान ने कहा कि कोरोना वायरस को दो चमगादड़ों के जेनेटिक मैटेरियल को मिलाकर तैयार किया गया है। उन्‍होंने बताया कि कोरोना वायरस के स्‍पाइक प्रोटीन को बदलकर उसे आसान बनाया गया हैं, ताकि वह ह्यूमन सेल में आसानी से चिपककर बैठ जाए । वहीं दूसरे वैज्ञानिकों ने डॉक्‍टर यान के इस दावे पर सवाल उठाए हैं । वैज्ञानिकों ने कहा कि इस रिपोर्ट को अप्रमाणित माना जा रहा है, ऐसी किसी बात की कोई विश्‍व‍सनीयता नहीं दी जा सकती है।

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किसी वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है शोध
दरअसल ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्‍योंकि डॉक्‍टर यान का यह शोध किसी भी वैज्ञानिक जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है, न ही इसकी किसी ने समीक्षा की है । मतलब स्‍पष्‍ट माना जा रहा है कि डॉक्‍टर यान के शोध को वैज्ञानिकों ने तो ना तो जांचा है, और न ही उसे अपनी स्‍वीकृति दी है । दइरअसल शुरुआत से ही कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर साजिश का आरोप लगता रहा है। इन्‍हीं आरोपों के बीच डॉक्‍टर यान ने पिछले दिनों कहा था कि वह इसके सबूत भी पेश करेंगी और साबित करेंगी कि वायरस इंसानों का बनाया था।

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9 लाख से ज्‍यादा मौतें …
कोरोना वायरस महमारी से विश्‍वभर में  9 लाख से ज्‍यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं वहीं वर्तमान में कंफर्म्ड केसेज की संख्‍या भी 2 करोड़ 91 लाख 55 हजार से ऊपर जा पहुंची हैं । चीन में जहां इस महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां ये बीमारी एकदम खात्‍मे की ओर है जबकि पूरी दुनिया इससे अब भी जूझ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में आई खबरों के मुताबिक डॉक्‍टर यान के दावे के अनुसार चीनी सेना के एक लैब के स्टाफ बिना किसी सुरक्षा किट के गुफाओं में जाकर चमगादड़ों को पकड़ कर उनका स्वाब इकट्ठा करता था।

‘वुहान लैब से आया वायरस’
आपको बता दें डॉ. यान ने पहले कहा था कि – ‘पहली बात तो यह है कि वुहान के मीट मार्केट को पर्दे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और वायरस प्राकृतिक नहीं है।’ जब उनसे ये पूछा गया कि वायरस कहां से आया तो उन्होंने कहा कि वुहान के लैब से । उन्होंने आगे कहा, ‘जीनोम सीक्वेंस इंसानी फिंगर प्रिंट जैसा है। इस आधार पर इसकी पहचान की जा सकती है।’ डॉ. यान का दावा है कि उनकी जानकारी चीन के डेटाबेस से हटा दी गई है। उनके साथियों को उनके बारे में झूठी खबरें फैलाने के लिए कहा है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस को स्टडी करने वाले पहले वैज्ञानिकों में से एक वह हैं।