हाथरस- पुलिस के दावे से खलबली, पीड़िता को इंसाफ दिलाने की आड़ में दंगा कराने की थी साजिश

यूपी पुलिस ने दावा किया है, कि हाथरस के बहाने यूपी में बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी, मामले की जांच में कई अहम जानकारियां मिलने के बाद पुलिस अब एक्शन में आ गई है।

New Delhi, Oct 09 : यूपी के हाथरस केस में दलित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले की जांच कर रही एजेंसियों को इस पूरी घटना में एक बड़ी साजिश की आहट मिली है, जैसे-जैसे इस मामले की जांच आगे बढ रही है, वैसे-वैसे मामले में कई चेहरे उजागर हो रहे हैं, जांच एजेंसियों को इस पूरी घटनाक्रम में भीम आर्मी से लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और विदेशी फंडिंग से लेकर खनन माफिया तक के कनेक्शन जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं, यूपी पुलिस ने इन सबके बीच ये दावा किया है, कि दलित लड़की को इंसाफ दिलाने की आड़ में यूपी में दंगा भड़काने की कोशिश की जा रही थी, इसके लिये विदेशों से पैसे भेजे जा रहे थे।

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बड़ी साजिश
यूपी पुलिस ने दावा किया है, कि हाथरस के बहाने यूपी में बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी, hathras5 मामले की जांच में कई अहम जानकारियां मिलने के बाद पुलिस अब एक्शन में आ गई है, इस साजिश को अंजाम देने वालों पर शिकंजा कसना शुरु हो चुका है, यूपी में शांति भंग करने के आरोप में पीएफआई के मुखपत्र के संपादक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी में
आपको बता दें कि गिरफ्तार संपादक शाहीन बाग के पीएफआई दफ्तर के सचिव भी है, पुलिस भी उसे रिमांड पर लेना चाहती हैं, जिससे इस पूरे मामले की सही जानकारी का पर्दाफाश किया जा सके, जांच के बीच हाथरस में हिंसा फैलाने की इस साजिश में भीम आर्मी का नाम भी सामने आया है, जांच एजेंसियों को ऐसे सबूत मिले हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं, हाथरस की आड़ में पीएफआई और भीम आर्मी मिलकर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे थे।

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विदेशी फंडिंग की बात
मामले में विदेशी फंडिंग की बात सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले से जुड़े सभी संदिग्ध लोगों के बैंक ट्रांजेक्शन की जांच शुरु कर दी है, जांच में इस बात के संकेत मिले हैं, पीएफआई ने अपने षडयंत्र में भीम आर्मी को शामिल किया और यूपी में दंगा फैलाने के लिये फंडिंग की, शुरुआती जांच में एक संदिग्ध के अकाउंट में भारी ट्रांजेक्शन हुआ है, मामले से जुड़े अन्य लोगों के बैंक खाते की भी जांच की जा रही है, इसके साथ ही यूपी पुलिस को पश्चिमी यूपी के एक खनन माफिया के भी इस मामले में फंडिंग के सुराग हाथ लगे हैं।