बीजेपी को ज्यादा सीटें मिलने पर एनडीए में बदल सकता है सत्ता समीकरण, ये है इनसाइड स्टोरी!

जदयू के वक्ताओं का आग्रह दिखाता है, कि पार्टी की कोशिश है कि वह पारंपरिक मतदाताओं के आधार को नीतीश के ईद-गिर्द समेटकर रखें।

New Delhi, Oct 30 : बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सामने प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने तथा सत्तारुढ गठबंधन के भितर अपनी पार्टी की शीर्ष वरीयता को बनाये रखने की दोहरी चुनौती है, इन सबके बीच उनके गृह जिले नालंदा समेत कुछ स्थानों पर एक बेचैनी की भावना दिख रही है, सीएम के चुनावी रैलियों में आने तक भीड़ को बांधे रखने की कोशिश करने वाले वक्ता पार्टी के पारंपरिक समर्थक दलितों तथा अत्यंत पिछड़े वर्ग के लोगों से नीतीश पर भरोसा बनाये रखने की अपील करते हैं, इन नेताओं ने विपक्ष की बातों से गुमराह ना होने की भी अपील की है।

Advertisement

वक्ताओं का आग्रह
जदयू के वक्ताओं का आग्रह दिखाता है, कि पार्टी की कोशिश है कि वह पारंपरिक मतदाताओं के आधार को नीतीश के ईद-गिर्द समेटकर रखें, अत्यंत पिछड़े वर्ग (ईबीसी) में कई छोटी जातियां शामिल है, प्रदेश की आबादी का लगभग 28-30 फीसदी हिस्सा इन्हीं का है, नीतीश सरकार ने पूर्व से सालों में विभिन्न पहल के जरिये इन्हें अपनी ओर आकर्षित किया है, हालांकि कुछ अन्य जातियों की तरह ईबीसी राजनीतिक रुप से एक्टिव नहीं है, इसके एक वर्ग ने पारंपरिक रुप से जदयू का समर्थन किया है, ऐसा ही महादलितों के साथ भी है, जिनकी संख्या प्रदेश में दलितों में लगभग एक तिहाई है, महादलित का इस्तेमाल पासवान के अलावा अन्य अनुसूचित जातियों के लिये किया जाता है।

Advertisement

चुनाव में मंद पड़ी जादूई शक्ति
बिहार के राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि जदयू को जो अगड़ी जातियों का समर्थन हासिल था, उसमें कुछ कमी आयी है, हालांकि उच्च जातियां नीतीश की सहयोगी पार्टी बीजेपी के पीछे मजबूती से खड़ी है, जदयू के लिये राज्य में कई सीटों पर मुश्किल हो सकती है, क्योंकि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, नीतीश के आलोचकों का कहना है कि बीजेपी या राजद की तरह संगठनात्मक स्तर पर उतना अधिक मजबूत ना होने के कारण जदयू ने नीतीश की सुशासन बाबू की छवि पर जोर दिया है, लेकिन लगातार 15 सालों से सत्ता में बने रहने की वजह से इस बार के चुनाव में उनकी ये जादूई शक्ति मंद होती दिख रही है।

Advertisement

बदल सकते हैं समीकरण
बिहार के पूर्व विधानसभा चुनावों में जदयू ने बीजेपी से ज्यादा सीटें जीती है, लेकिन ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बार के चुनाव में ये बदल सकता है, बिहार में 243 सीटों में से जदयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, Modi Nitish शेष 18 सीटों पर राजग में शामिल दो अन्य छोटे घटक दलों ने आपसी तालमेल के साथ उम्मीदवार खड़े किये हैं, बीजेपी ने जहां इस बात पर जोर दिया है कि यदि एनडीए के बहुमत मिलता है, तो दोनों दलों में से बीजेपी को ज्यादा सीटें आती है, तो फिर नीतीश ही सीएम होंगे, हालांकि बीजेपी को बहुत अधिक सीटें हासिल करने की स्थिति में बीजेपी के भीतर सत्ता समीकरण बदल सकते हैं।