टूट कर संभले हैं जो बाइडेन, जवानी में पत्नी और बेटी की मौत, कैंसर ने बेटा भी छीना!
जो बाइडेन का जीवन अब तक कई निजी त्रासदियों से भरा रहा है, 1972 में पहली बार सांसद बनने के बाद ही उनकी पत्नी नेलिया और बेटी नओमी की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी।
New Delhi, Nov 08 : अमेरिका चुनाव के नतीजे वोटों की गिनती के शुरु होने के 4 दिन बाद स्पष्ट हो गये हैं, डेमोक्रेट पार्टी की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडेन को बहुमत मिला है, एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले बाइडेन के लिये ये तीसरा मौका था, जब उन्होने राष्ट्रपति पद के लिये किस्मत आजमाई, पहले दो बार 1997 और 2008 में उन्हें पार्टी से इस पद पर खड़े होने के लिये मंजूरी नहीं मिली, पर इस साल के चुनाव में बाइडेन ना सिर्फ पार्टी में अपनी मजबूती साबित की, बल्कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर भारी साबित हुए।
त्रासदियों से भरा रहा जीवन
जो बाइडेन का जीवन अब तक कई निजी त्रासदियों से भरा रहा है, 1972 में पहली बार सांसद बनने के बाद ही उनकी पत्नी नेलिया और बेटी नओमी की कार दुर्घटना में मौत हो गई थी, तब बाइडेन ने अपने पहले कार्यकाल के लिये अस्पताल के कमरे से ही शपथ ली थी, उनके बेटे ब्यू और हंटर इस एक्सीडेंट में बाल-बाल बच गये थे, 2015 में ब्यू की 46 साल की उम्र में कैंसर से मौत हो गई थी, माना जाता था कि ब्यू ने 2016 में डेलावेयर राज्य के गवर्नर पद के लिये चुनाव लड़ने वाले थे।
बेटे ने दिया बढावा
जो के अनुसार उनके बड़े बेटे ब्यू ने ही उन्हें फिर से राष्ट्रपति पद के लिये खड़े होने के लिये बढावा दिया था, अपने चुनाव अभियान के दौरान बाइडेन ने ब्यू के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात कहते रहे हैं, ब्यू के निधन के बाद बाइडेन ने जिस मजबूती से अपना पद संभाला, उसके लिये उन्हें एक पारिवारिक व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है।
1972 में पहली बार चुने गये सीनेटर
जो बाइडेन डेलावेयर में 6 बार के सीनेटर हैं, उन्होने पहली बार 1972 में यहां से चुनाव जीता था, इसके बाद 1988 में पहली बार राष्ट्रपति पद के लिये खड़े होने की योजना बनाई, लेकिन उनके चुनावी भाषण में ब्रिटेन के लेबर पार्टी के एक नेता के भाषण को दोहराने के आरोपों की वजह से उन्होने उम्मीदवारी वापस ले ली थी।
ओबामा के लिये बड़ी भूमिका
77 वर्षीय बाइडेन को 2008 में बराक ओबामी की दावेदारी की वजह से राष्ट्रपति पद के लिये खड़े होने का मौका नहीं मिला, हालांकि ओबामा ने उनकी छवि को देखते हुए उन्हें अपना उपराष्ट्रपति बनाना तय किया, ओबामा के कार्यकाल के दौरान अगले 8 साल तक बाइडेन हमेशा उनके पीछे खड़े दिखाई दिये, फिर चाहे ओबामा के स्वास्थ्य योजनाओं को लागू कराने की बात हो, या आर्थिक संकट के दौर में उन्हें समर्थन देने की, बाइडेन लगातार ओबामा के करीबी साथियों में एक रहे। एक मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले बाइडेन को हमेशा से अमेरिकी राजनीति में मिडिल क्लास जो कहकर संबोधित किया गया है, माना जाता है कि उनकी छवि की वजह से ही 2008 और 2012 के चुनाव में ओबामा को अश्वेत वोटरों के साथ मिडिल क्लास श्वेत वोटरों का भी भरपूर साथ मिला है।