लव जिहाद: बरेली में हुई पहली गिरफ़्तारी, तो वहीं लखनऊ में पुलिस ने रोकी शादी, पढ़ें पूरा मामला

यूपी में लव जिहाद कानून को राज्‍यपाल की सहमति मिलते ही एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं । बरेली में जहां एक अरेस्‍ट हुआ है तो वहीं लखनऊ में पुलिस ने कानून के चलते शादी ही रुकवा दी ।

New Delhi, Dec 03: उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘लव जिहाद’ का पहला केस दर्ज हुआ है । 5 दिन पहले पीडि़त परिवार की ओर से शिकायत के बाद फरार चल रहे आरोपी उवैस को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया । 28 नवंबर को बरेली के देवरनिया थाने में लव जिहाद का कानून बनने के बाद पहला मुकदमा दर्ज किया गया था, बुधवार को गिरफ़्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया ।

Advertisement

ये है पूरा मामला
आरोप है कि उवैस नाम के इस युवक ने एक हिन्दू लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाया, फिर उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाया । पिछले साल से ऐसा चलने के कारण लड़की के पिता ने लॉकडाउन के दौरान ही उसकी दूसरी जगह शादी कर दी थी । लेकिन युवक लड़की की शादी हो जाने के बावजूद उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था । परिवार की ओर से उवैस के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कानून के तहत मामला दर्ज किया गया । जिसके बाद पुलिसिया कार्रवाई में वो धर दबोचा गया ।

Advertisement

लखनऊ में रोकी गई शादी
वहीं एक मामला लखनऊ में सामने आया है जहां पुलिस ने दोनों पक्षों को धर्म परिवर्तन को लेकर बने नए कानून के बारे समझाकर शादी रुकवा दी । सामाजिक संगठनों की शिकायत पर पुलिस ने ये कार्रवाई की । मामला लखनऊ के पारा इलाके का है, जहां बुधवार शाम को बगैर धर्म परिवर्तन  के हिंदू युवती की शादी उसके मुस्लिम प्रेमी से हो रही थी । शादी को लेकर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताते हुए इसकी शिकायत पुलिस से कर दी । जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ये शादी ही रुकवा दी । खास बात ये कि युवक और युवती के परिजनों ने आपसी सहमति से इस शादी को तय किया था, लेकिन पुलिस ने नए कानून का हवाला देते हुए दोनों को जिलाधिकारी से धर्म परिवर्तन की अनुमति लेने को कहा ।

Advertisement

ये है ‘लव जिहाद’ कानून
आपको बता दें विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को यूपी की राज्‍यपाल आनंदी बेन ने पिछले शनिवार को ही मंजूरी दे दी थी । इस कानून के तहत ‘लव जिहाद’ पर 10 साल तक की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है । महज शादी के लिए अगर लड़की का धर्म बदला गया तो न केवल ऐसी शादी अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है ।