घोड़ी पर सवार होकर निकली दुल्हन, बारातियों ने लगाए ठुमके ‘बेटियां बोझ नही’

दूल्हे को घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर दुल्हन के घर जाते हुए तो सबने देखा होगा, लेकिन कोई दुल्‍हन ऐसा करे तो आश्‍चर्य होना लाजमी है ।

New Delhi, Feb 06: मध्य प्रदेश के सतना शहर में एक अनोखी बारात निकली । माहौल शादी का था, बाराती भी थे लेकिन घोड़ी पर सवार दुल्‍हन को देख सब चौंक रहे थे । दरअसल ये अनोखी बारात बड़े धूमधाम से सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर रवाना हुई । इस परिवार ने घोड़ी पर चढ़ने की बेटी की न सिर्फ ख्वाहिश पूरी की है बल्कि समाज को भी यह संदेश दिया कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं होंतीं ।

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वलेचा परिवार ने निकाली बेटी की बारात
घोड़ी पर सवार दुल्हन दीपा वलेचा ने बताया कि वो खुद हैरान रह गईं थीं, उन्‍होंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कभी घोड़ी पर बैठूंगी । जब देखा कि उनके लोगों ने इनके लिए इतना कुछ प्लान किया है तो उन्‍हें बहुत अच्छा लगा । दीपा ने कहा कि मैं सभी को सही कहना चाहूंगी कि लड़कियां कभी बोझ नहीं होती हैं । सबको सोचना चाहिए कि लड़कियों भी लड़कों के बराबर ही होती हैं । इसलिए उन्हें उतना ही प्यार मिलना चाहिए जितना लड़कों को दिया जाता है ।

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परिवार की इकलौती बेटी
वलेचा परिवार के मुताबिक दीपा का जन्‍म उनके परिवार में कई सालों बाद हुआ, उनसे पहले बेटे ही बेटे थे । इसी वजह से पूरा पहरवार अपनी इस बेटी को बहुत प्‍यार करता है । वलेचा परिवार के मुताबिक समाज में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है, लिहाजा वह अपनी बेटी की बारात निकाल कर समाज को यह मैसेज देना चाहते हैं की बेटियों का सम्मान करें क्योंकि बेटी है तो कल है । दुल्हन की मां नेहा वलेचा ने बताया कि हम बेटों और बेटियों में कोई फर्क नहीं समझते । जैसे हम बेटों की बारात निकालते हैं वैसे ही सपना था कि बेटी की बारात निकालें । परिवार के मुातबकि उनके घर में 25 साल किसी बेटी की शादी हो रही है तो सभी को बेहद खुशी है ।

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समाजसेवी हैं दुल्‍हन के पिता
स्‍थानीय निवासी मनोहर सुगानी के मुताबिक सतना के रहने वाले नानकराम वलेचा बड़े समाजसेवी हैं, दीपा उनके परिवार की इकलौती बेटी है । 25 साल बाद जब परिवार को कन्यादान का मौका मिला तो वो इसमें कोई कमी नहीं रखना चाहते थे । बेटी की बारात निकालकर उन्‍होंने समाज को संदेश दिया कि बेटियां बेटों से किसी मायने में कम नहीं । दोनों का समान अधिकार है ।