उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही, 150 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका!
ऋषिगंगा के एलावा एनटीपीसी के पास भी एक प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है, तपोवन बैराज, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
New Delhi, Feb 07 : उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूट गया, जिसके बाद धौलीगंगा नहीं में जलस्तर अचानक बढ गया, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने जानकारी दी, कि आपदा में 100 से 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है, चमोली के तपोवन इलाके में हुई इस घटना से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी नुकसान पहुंचा है, यहां काम करने वाले कई मजदूर लापता हैं, नदी किनारे बसे कई घर पानी में बह गये हैं, आस-पास के गांवों को खाली कराया जा रहा है, ऋषिगंगा के एलावा एनटीपीसी के पास भी एक प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा है, तपोवन बैराज, श्रीनगर डैम और ऋषिकेश डैम भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
अपडेट्स
आईटीवीपी, एसडीआरएफ, और एनडीआरएफ कई टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि वो लगातार उत्तराखंड के हालात पर नजर रखे हुए हैं, साथ ही एनडीआरएफ के आला अधिकारियों से भी बात हो रही है।
एनडीआरएफ की कुछ टीमें देहरादून से जोशीमठ भेजी गई हैं, दिल्ली से एयरलिफ्ट करके कुछ टीमें देहरादून भेजी जाएंगी।
उत्तराखंड पुलिस के अनुसार श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार में पानी का स्तर खतरे के निशान के ऊपर जा सकता है।
पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से फोन पर बात की है।
हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है, इसलिये हाई अलर्ट जारी किया गया है।
जून 2013 में आपदा
16-17 जून 2013 को बादल फटने से रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ जिलों में भारी तबाही मची थी, इस आपदा में करीब 4400 से ज्यादा लोग मारे गये या लापता हो गये, 4200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया, इनमें से 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगहों पर मारे गये, 11 हजार से ज्यादा मवेशी बाढ में बह गये या मलबे में दबकर मर गये।