दूल्हे के पिता ने सगाई में मिल रहे 11 लाख रुपए लौटाए, 101 रुपए शगुन लेकर बोले-सिर्फ बेटी चाहिए

देश के कई हिस्‍सों में आज भी दहेज दिया और लिया जाता है, लेकिन राजस्थान से एक ऐसी खबर आई है जिसने इस कुरीति पर जबरदस्‍त चोट कर, लोगों को प्रेरणा दी है ।

New Delhi, Feb 25: दहेज प्रथा का चलन भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में अलग-अलग प्रकार से चलता चला आ रहा है । देश के कई राज्‍यों में आज भी दहेज के बिना शादी टूट जाया करती हैं या शादी के बाद लड़की को इतना परेशान किया जाता है कि वो गंभीर कदम उठा लेती हैं । लेकिन ऐसी खबरों के बीच एक अच्छी खबर राजस्थान के बूंदी जिले से आई है । जहां थाली में सजे पैसों को लेने से दूल्‍हे के पिता ने इनकार कर दिया । और दुल्‍हन के पिता का हाथ थामकर बस यही कहा कि हमें तो सिर्फ बेटी चाहिए ।

Advertisement

समाज के लिए मिसाल
राजस्‍थान बूंदी के रहने वाले रिटायर्ड प्रिंसिपल बृजमोहन मीणा ने टोंक जिले के एक गांव में अपने बेटे का रिश्ता तय किया है । मंगलवार के दिन वो इसकी सगाई के लिए वहां पहुंचे थे । यहीं रस्‍मों के बीच लड़की के पिता ने नोटों की गडि्डयों से भरा थाल उनके सामने रख दिया, यही उनकी परंपरा थी जो सालों से चली आ रही थी । लेकिन इसे देख बृजमोहन मीणा ने कहा कि ये रुपए उन्हें नहीं चाहिए। हमें सिर्फ बेटी चाहिए। मीणा ने इतना कहकर बतौर दहेज मिल रहे 11 लाख रुपए लौटा दिए । जब लोगों ने उन्‍हें रिवाजों की दुहाई दी तो उन्होंने महज 101 रुपए शगुन के तौर पर रख लिए।

Advertisement

लोग कर रहे तारीफ
बृजमोहन मीणा खजूरी पंचायत के पीपरवाला गांव के रहने वाले हैं, वह अपने बेटे रामधन की सगाई के लिए उनियारा तहसील के सोलतपुरा गांव पहुंचे थे । उन्‍होंने अपने बेटे की शादी आरती मीणा के साथ तय की थी । सगाई के दौरान जब उन्‍हें दुल्हन पक्ष ने उन्हें 11 लाख 101 रुपए दिए, तो उन्‍होंने सिर्फ 101 रुपए की भेंट के साथ आरती को अपने परिवार का बना लिया । इस सगाई कार्यक्रम में मौजूद लोग इसके लिए उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं और सभी को इससे सीख लेने की अपील की।

Advertisement

दुल्हन ने भी की ससुर की तारीफ
वहीं होने वाली बहू आरती मीणा जिनकी की सगाई बृजमोहन मीणा के बेटे रामधन के साथ हुई है उन्‍होंने भी कहा कि आज उनके ससुर ने बेटियों का मान बढ़ा दिया है । अपने होने वाले ससुर के फैसले से दुल्हन आरती मीणा बहुत खुश हैं। आरती ने कहा कि उन्होंने दहेज में मिल रही रकम लौटाकर समाज को संदेश दिया है। आरती मरण्‍रर ‌‌B.Sc. करने के बाद B.Ed. कर रही हैं। वहीं, आरती के दादा ने कहा कि दहेज की रकम लौटाना पूरे समाज के लिए प्रेरणा है ।