अक्षर पटेल- पिता को मौत की मुंह से वापस लाया, पापा ना होते, तो दूसरों का घर बना रहा होता!

अक्षर पटेल ने दिल्ली कैपिटल्स यू-ट्यूब चैनल के कार्यक्रम डीसी कैफे में कहा था कि पिताजी ने मेरी ज्यादा पिटाई नहीं की, सिर्फ दो बार पिटाई खाई, 26 साल में अगर सिर्फ 2 बार पिटाई लगे, तो ये ज्यादा नहीं है।

New Delhi, Feb 26 : टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज अक्षर पटेल इन दिनों सुर्खियों में हैं, उन्होने इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में घातक गेंदबाजी की है, अक्षर ने 2 टेस्ट मैचों में 18 विकेट लिये हैं, इस दौरान 3 बार पारी में 5 या उससे ज्यादा विकेट अपने नाम किये, उनकी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ पिता राजेश पटेल का है, उन्होने ही अक्षर को क्रिकेटर बनाया, इस बारे में भारतीय स्पिनर ने एक इंटरव्यू में विस्तार से बताया था।

Advertisement

पिता की बदौलत सबकुछ
अक्षर पटेल ने दिल्ली कैपिटल्स यू-ट्यूब चैनल के कार्यक्रम डीसी कैफे में कहा था कि पिताजी ने मेरी ज्यादा पिटाई नहीं की, सिर्फ दो बार पिटाई खाई, 26 साल में अगर सिर्फ 2 बार पिटाई लगे, तो ये ज्यादा नहीं है, आप अगर छोटे होते हो, तो कोई ना कोई शरारत तो करते ही हो, इसलिये ये तो काफी कम है, पिताजी को इसलिये सबसे पसंदीदा आदमी बताता हूं, कि अभी जहां हूं, उनकी बदौलत हूं, अगर उन्होने मुझे आगे नहीं बढाया होता, तो मैं अभी किसी का घर बना रहा होता।

Advertisement

घर बना रहा होता
अक्षर पटेल ने कहा था कि मैं आज किसी की बिल्डिंग बना रहा होता, या बुर्ज खलीफा की दूसरी डिजाइन तैयार कर रहा होता, मैं इंजीनियर लाइन में होता, उन्होने मुझे कहा, कि नहीं तू क्रिकेट खेलेगा, अच्छा खेल सकता है, सबसे मम्मी-पापा बच्चे को मना करते हैं और मुझे कहते थे तू खेल और पढाई पर मत ध्यान दे, अक्षर को इसके अलावा अपने कुत्ते गूची पटेल से भी काफी प्यार है, इस बारे में उन्होने कहा, में पहले कुत्तों से डरता था, सामने से कुत्ते को देख लेने के बाद उल्टा घूम जाता था।

Advertisement

कुत्तों से लगाव
अक्षर ने बताया मेरे दोस्तों के घर पर कुत्ते थे, तो मैं बाहर से ही उनसे मिल लेता था, एक बार पिताजी का एक्सीडेंट हुआ था, उन्हें ब्रेन हैम्ब्रेज हुआ, ब्रेन में चोट लगने के बाद आदमी पहले जैसा नहीं हो पाता है, वो 80 फीसदी तक ठीक हो गये थे, axar patel इतना बड़ा एक्सीडेंट होने के बाद भी वो खुद से अपना काम करने लगे थे, मैंने उन्हें घूमने के लिये बहन के पास कनाडा भेजा था, मेरे अंकल के घर पर एक कुत्ता था, 25 दिन में उससे उनका काफी लगाव हो गया था, पिताजी कुत्ते के साथ बहुत खुश थे, तभी मैंने सोचा कि वो भारत आएंगे, तो मैं उनके लिये एक कुत्ता खरीद लूंगा, जब वो आया तो मैं 2 दिन में उससे घुल मिल गया।