एक महीने पहले सगाई, अब होनी थी शादी… लेकिन धरती मां के लिए जान दे गया ये अन्‍नदाता!

बरनाला जिले के जैमल सिंह वाला गांव के एक अन्‍नदाता ने अपने ही घर में पंखे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है । वो नए किसान कानूनों से आहत था ।

New Delhi, Feb 27: देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पंजाब के बरनाला से एक बुरी खबर है । 3 महीने से ज्‍यादा समय से चल रहे इस आंदोलन के बीच किसानों के आतमहत्‍या के मामले थम नहीं रहे हैं । गुरुवार देर रात एक 25 साल के युवा किसान ने अपनी धरती मां के हक के लिए लड़ते-लड़ते आत्महत्या कर ली। मृतक के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है । परिवार ने एक महीने पहले ही बेटे की सगाई की थी और अब घर में बहू लाने की तैयारी थी । लेकिन इस आंदोलन की आग में उनका बेटा भी खाक हो गया ।

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एक महीने बाद होनी थी शादी
युवा किसान के घर में मातम पसर गया है, एक महीने बाद ही सतवंत की शादी होनी थी, उसकी सगाई हो चुकी थी । सतवंत जिससे शादी करने वाला था वो उसकी दुल्‍हन बनने का इंतजार कर रही थी, लेकिन उसने दुखी होकर एक ऐसा कदम उठा लिया कि सबके सपने आंदोलन की भेंट चढ़ गए । बताया जा रहा है कि सतवंत सिंह ने अपने ही घर में  पंखे से फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। परिवार का जैसे सब कुछ लुट गया और खुशियों से पहले ही मातम छा गया।

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दो एकड़ जमीन की थी चिंता
गांव के सरपंच सुखदीप सिंह के मुताबिक सतवंत सिंह पिछले 5 महीने से किसान आंदोलन का हिस्‍सा था वो मोदी सरकार के लाए कानून का विरोध कर रहा था। उसके पास महज दो एकड़ जमीन बची थी, जिसकी रक्षा की खातिर में वो परेशान था और इसी चिंता में उसने अपनी जान दे दी । सतवंत खेती के साथ-साथ लकड़ी का काम भी करता था। उसके तीन भाई बहन हैं और एक भाई है जो कि सेना में फौजी है।

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मानसिक तनाव में था सतवंत
परिजनों ने बताया कि उनका बेटा आंदोलन और तीनों कानून से बहुत दुखी हो गया था । वह मानसिक तनाव में आ गया था । इसी साल जनवरी में हमने उसकी सगाई कर दी, लेकिन पता नहीं था कि वह ऐसा कर जाएगा। गौरतलब है कि अब तक किसान आंदोलन के बीच 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। बावजदू इसके किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं । उनका कहना है कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं होते वह डटे रहेंगे । कुछ किसानों ने तो आत्महत्या की है, जबकि कइयों की धरने के दौरान ठंड या दिल के दौरे की वजह से मौत हो गई।