शिवराज सिंह: बचपन में खूब पिटे हैं CM, परिवार के खिलाफ छेड़ा आंदोलन, पत्‍नी से छुप-छुप कर मिले

शिवराज सिंह चौहान के जन्‍मदिन पर जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें, उनका बचपन कैसा था और कब से वो नेतागीरी पसंद करने लगे थे ।

New Delhi, Mar 05: मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आज जन्‍मदिन है, वो 62 वर्ष के हो गए हैं । सीएम साहब ने एक दिन पहले ही जनता से ये अपील कर दी थी कि उनके जन्मदिन पर फूलों के हार, स्वागत द्वार, जय जयकार की कोई जरूरत नहीं है, अगर कोई कुछ देना चाहता है तो वो एक पेड़ लगा दे । राज्‍य में चौथी बार सरकार में आए शिवराज सिंह चौहान एक सरल छवि के नेता माने जाते हैं । जनता के बीच वो लोकप्रिय हैं और मामा के नाम से भी पुकारे जाते हैं । नेता बनने का गुण उनमें कॉलेज के दिनों से ही नजर आता था । आगे जानें उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें ।

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5 मार्च 1959 को जन्‍म
शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 में मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के एक छोटे से गांव जैत में हुआ था, वो किसान परिवार से हैं । पिता प्रेम सिंह चौहान किसान थे, जबकि मां सुंदर बाई चौहान एक गृहणी । सामान्‍य से परिवार से आने वाले शिवराज बचपन से ही गरीबों के हक के लिए लड़ने का हुनर रखते थे । हैरान होंगे आप ये जानकर कि उन्होंने 9 साल की उम्र में अपने ही  परिवार के खिलाफ जाकर मजदूरों के हक में पहला आंदोलन किया था। तब वह घरवालों से कहते थे कि मजदूरों को हम लोग कम पैसा दे रहे हैं। इस विद्रोह से उनके चाचा बेहद गुस्सा हुए और उनको खूब पीट दिया था । लेकिन शिवराज ने अपना विद्रेाह जारी रखा ।

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पढाई के साथ नेतागीरी जारी रही
शिवराज सिंह को उनके घरवालों ने भोपाल के टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल में भर्ती करा दिया था, लेकिन यहां भी वो छात्रों की हक की आवाज उठाने लगे । इसी वजह से वो 1975 में हायर सेकंडरी में स्टूडेंट्‍स यूनियन के अध्यक्ष बन गए। 1972 में वह जब 13 साल के थे, तो RSS में शामिल हो गए । एक इंटरव्यू में मॉडल स्कूल में शिवराज के शिक्षक और प्रिंसिपल रहे केसी जैन ने उनके बारे में बात करते हुए कहा था, कि उनमें नेतृत्व क्षमता, लीडरशिप क्वालिटी स्कूल के दिनों से ही थी । छात्रों के बीच लोकप्रिय रहे, सभी छात्रों ने मिलकर छात्र संघ चुनाव में उनका नाम आगे बढ़ाया था।

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शरारती भी थे शिवराज
हालांकि सीएम के टीचर केसी जैन के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान नेतागिरी के साथ साथ बहुत शरारती भी थे । सीएम शिवराज राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में राजनीति में आए । इमरजेंसी के वक्त वो जेल भी जा चुके हैं । बीजेपी के वरिष्‍ठ और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी – लाल कृष्ण आडवाणी के वे प्रिय थे। शिवराज पहली बार 1990 में बुधनी से हुए उपचुनाव में जीतकर विधायक बने थे। वो पहली बार विदिशा से सांसद बने, इस सीट से वो पांच बार सांसद रह चुके हैं । वर्तमान में चौथी बार सीएम पद संभाल रहे हैं ।

ऐसे हुई शादी
उनके बारे में कहा जाता है कि वो जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े तो कभी भी शादी ना करने का मन बना चुके थे । लेकिन परिवार के दबाव के चलते जब एक बार साधना सिंह से मिले तो उन्‍हें देखते ही दिल दे बैठे । वह कई बार कह भी चुके हैं कि साधना की सादगी मुझे पसंद आई और मैंने उनसे शादी कर ली। बताया तो यह भी जाता है कि शिवराज उनसे छिप-छिप कर मिलने लगे। उन्होंने खुद बताया था कि उन्होंने चिट्ठी लिख कर साधना सिंह से अपने प्रेम का इजहार किया था। मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री का देसी अंदाज लोकप्रिय है, वो पत्‍नी के साथ तीज – त्‍यौहारों की शॉपिंग पर बाजार भी चले जाते हैं ।