छत्तीसगढ- इस तरह गोरिल्ला जोन में फंसते चले गये जवान, जानिये हमले की इनसाइड स्टोरी

जानकारी के अनुसार पुलिस बल ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ सुकमा में ऑपरेशन प्रहार चलाया था, जो कि नक्सलियों के सबसे बड़े नेताओं में से एक हिडमा का गढ है।

New Delhi, Apr 05 : छत्तीसगढ के बीजापुर-सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में अब तक 24 जवान शहीद हो चुके हैं, शहीद जवानों में कोबरा बटालियन के 9, डीआरजी के 8, एसटीएफ के 6 और बस्तर बटालियन का एक जवान शामिल है, साथ ही मुठभेड़ में 31 जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है, इसमें कुछ जवानों की हालत गंभीर है, वहीं इस घटना को 400 से ज्यादा माओवादियों ने अंजाम दिया है, वैसे काफी दिनों बाद इतनी बड़ी घटना हुई है, इसे लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, कहा जा रहा है कि ऑपरेशन प्रहार में कहीं कोई चूक होने की वजह से पुलिस बल को इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा, तो कोई जवानों के गोरिल्ला जोन में फंसने की बात कह रहा है।

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हिडमा का गढ
जानकारी के अनुसार पुलिस बल ने नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ सुकमा में ऑपरेशन प्रहार चलाया था, जो कि नक्सलियों के सबसे बड़े नेताओं में से एक हिडमा का गढ है, जबकि जवानों पर हमला नक्सलियों के संगठन पीपुलिस लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट ने किया है, जिसका नेतृत्व हिडमा ही करता है।

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जाल में फंसे जवान, चारों तरफ से हमला
तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में जोनागुड़ा के पास सीआरपीएफ की कोबरा, बस्तर बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के जवान पिछले दो दिनों से ऑपरेशन प्रहार के तहत निकले हुए थे, इस बीच शनिवार यानी 3 अप्रैल को सुबह फोर्स की सूचना मिली, कि जोनागुड़ा के पास नक्सलियों का जमावड़ा है, ये सूचना फोर्स के पास आई, तो जोनागुड़ा का ऑपरेशन अधिकारियों ने प्लान किया, जानकारों के अनुसार जोनागुड़ा का ये इलाका ना सिर्फ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिडमा का क्षेत्र है, बल्कि गोरिल्ला वार जोन के अंतर्गत आता है, इसमें गोरिल्ला वार यानी छिपकर हमले की रणनीति कारगर साबित होती है, वैसे तो यहां कभी भी एक साथ इतनी फोर्स नहीं आती, लेकिन इस बार इलाके में नक्सलियों के जमावड़े की सूचना पर बीजापुर के तर्रेम से 760, उसूर से 200, पामेड़ से 195, सुकमा के मिनपा से 483 और नरसापुरम से 420 जवान रवाना किये गये थे, इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने 4 तरीके से सुरक्षाबलों पर हमला किया, पहला बुलेट से, दूसरा नुकीले हथियार से, तीसरा अपने हाथों से बनाये गोले-बारुद से और चौथा लात-घूंसों से, यही नहीं पीपुल्स लिबरेशन ग्रुप आर्मी प्लाटून वन की यूनिट का करीब 400 नक्सलियों का ग्रुप जवानों पर एक साथ टूट पड़ा था।

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घायल जवानों ने कही ये बात
घायल जवान ने एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, जब हम शनिवार की सुबह टारगेट को हिट करके लौट रहे थे, तो इस दौरान हमने एक टेकरी पर एलआपी ले ली, तभी हमें सूचना मिली कि माओवादी हमें ट्रैक कर रहे हैं, और वो बहुत बड़ी पार्टी हैं, इसके बाद हमने एक जगह पोजीशन ले ली, कुछ देर बाद ही माओवादियों ने हमला बोल दिया, वो आधुनिक हथियार के साथ-साथ अपने हाथों से बनाये गोले-बारुद से हमला कर रहे थे, जवान बलराज ने कहा वो हम पर हमला बोल रहे थे और हम उन्हें खदेड़ने के लिये पूरी ताकत लगा रहे थे, यही नहीं प्लेन क्षेत्र में हमने उन्हें कई किलोमीटर तक पीछे धकेल दिया था, इस दौरान हमें नुकसान हुआ, लेकिन उनको भी भारी नुकसान हुआ है, वहीं एक अन्य जवान देव प्रकाश ने कहा कि इस घटना के दौरान हम चारों तरफ से घिर चुके थे, वो गोलीबारी के साथ गोले दाग रहे थे, इसके बाद हम एक तरफ फायरिंग करते हुए बढे, लेकिन इस दौरान वो हमारा पीछा कर रहे थे।