जानें कौन था करीम लाला, जिसने दाऊद इब्राहिम को बुरी तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था

मुंबई का डॉन करीम लाला, अंडरवर्ल्‍ड का वो डॉन जिसके सामने दाऊद भी कुछ नहीं था । ये वो दौर था जब माफियाओं में उसका खौफ था ।

New Delhi, Apr 07: अमिताभ बच्‍चन स्‍टारर फिल्‍म जंजीर में अभिनेता प्राण का शेर खान वाला किरदार हो या फिर अंगार फिल्म में कादर खान का रोल, मुंबई के डॉन करीम लाला ने ऐसे कई फिल्मी किरदारों को प्रभावित किया है । दाऊद जब पैदा भी नहीं हुआ था, तब से मुंबई में कई खतरनाक माफियाओं को करीम लाला का खौफ था । वैसे मुंबई का पहला डॉन हाजी मस्तान को कहा जाता है, लेकिन असल में मुंबई का पहला डॉन अफगानिस्तान से आया ये पठान ‘अब्दुल करीम खान’ था । 50 के दशक में ये ‘शेर खान’ नाम से मशहूर हुआ करता था ।

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जुए के धंधे से की शुरुआत
बताया जाता है कि अफगानिस्तान के कुनार प्रांत का रहने वाला शेर खान पैसा कमाने बंबई आया था, जगह किराए पर लेकर उसने जुए का अड्डा चलाना शुरू कर दिया । इसके साथ वो जुआरियों को पैसे भी उधार देने लगा, धीरे-धीरे वो करीम लाला के नाम से मशहूर हो गया, अड्डे पर लड़ाई झगड़े होते तो पुलिस भी आने जाने लगी । करीम लाला, हाजी मस्तान की ही तरह दोस्त बनाने में यकीन रखते थे । उसने ऐसे ही कई पुलिस वालों को अपना दोस्‍त बना लिया । इसके बाद जुए के अड्डे से आगे निकल, हफ्ता वसूली, लड़ाई दंगों को सुलझाने का काम भी करने लगा । पूरी बंबई पर राज करने की तमन्‍ना में वो तस्करी के धंधे में भ्‍ज्ञी उतर गया ।

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करीम लाला की छड़ी का रुतबा
1940 का दशक खत्म होते-होते करीम लाला हीरे और सोने की तस्करी के धंधे में पैर जमा चुका था । तस्करी के धंधे से खूब पैसा आने लगा तो उसने बंबई में जुए और शराब के और अड्डे खोल दिए, इसके बाद वो ‘किंग’ कहलाने लगा । करीम लाला अब सफेद सफारी सूट पहनता था और अपने साथ एक छड़ी रखनी भी शुरू कर दी थी । करीम लाला की छड़ी का भी पूरा जलवा रहा, बताया जाता है कि किसी बिल्डिंग को खाली करवाना हो तो लाला के लोग उस छड़ी को ले जाकर वहां रख देते थे और लोग डर के मारे वो जगह छोड़ देते थे । उसी दौरान तस्‍करी की दुनिया में ‘हाजी मस्तान मिर्जा’ का नाम भी बढ़ रहा था, ये बंबई के समंदर से तस्करी करता था । बंबई पर राज करने का सपना देखने वाला हाजी करीम लाला से हाथ मिलाना चाहता था, बस हाजी मस्तान ने हाथ बढ़ाया और करीम लाला ने दोस्ती कबूल कर ली । दोनों मिलकर काम करने लगे ।

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सबसे ताकतवर था करीम लाला
हाजी मस्तान के अलावा उस दौर में एक और डॉन वरदाराजन भी था, उसने भी समझदारी दिखाते हुए करीम लाला से हाथ मिला लिया था । करीम लाला बॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ रख्‍ता था । बताते हैं कि , ‘अभिनेत्री हेलन एक बार मदद के लिए करीम लाला के पास आईं थीं । हेलन के पैसे किसी ने फंसा लिए थे, जिसके बाद परेशान होकर हेलन दिलीप कुमार के जरिए करीम लाला के पास पहुंचीं थीं । करीम ने इस मामले में उनकी मदद की । करीम लाला को कुछ फिल्‍में भी ऑफर की गईं थीं, लेकिन उसने मना कर दिया ।

करीम लाला के हत्थे चढ़ा था दाऊद इब्राहिम
1980 के दशक तक हाजी मस्‍तान ने धंधा छोड़ दिया था, उस दौर में दाऊद इब्राहिम चर्चा में आ गया था । जिसकी वजह से लाला परेशान हो गए, कहते हैं एक बार दाऊद इब्राहिम मुंबई में करीम लाला के हत्थे चढ़ गया, तो करीम लाला ने दाऊद की जमकर पिटाई की थी । दाऊद को गंभीर चोटें आई थीं । लेकिन दाऊद जवान खून था, वो करीम लाला से डरा नहीं, दोनों ग्रुप में जमकर गैंग वार हुई । धीरे धीरे शेर खान पठान उर्फ करीम लाला अपने धंधे से पीछे हट गया । 19 फरवरी 2002 को उसने दुनिया से विदा ले ली, आज भी उसका अंदाज माफियाओं के बीच चर्चा में रहता है ।