14 की उम्र में पहली शादी, फिर एयरहोस्टेस को दिल दे बैठे थे रामविलास पासवान

रीना शर्मा एयरहोस्टेस थी, कहा जाता है कि रीना से रामविलास की मुलाकात हवाई सफर के दौरान हुई थी। पहली मुलाकात में पासवान रीना से प्रभावित हो गये, धीरे-धीरे दोनों की नजदीकियां बढती गई।

New Delhi, Jun 16 : लोक जनशक्ति पार्टी में इन दिनों चाचा बनाम भतीजा हुआ पड़ा है, चाचा ने पांचों सांसदों के साथ मिलकर चिराग पासवान को किनारे कर दिया है, तो वहीं चिराग ने पांचों बागी सांसदों को अपनी पार्टी से निकाल दिया है। आपको बता दें कि लोजपा की स्थापना चिराग के पिता और पशुपति पारस के बड़े भाई रामविलास पासवान ने किया था, जिसका पिछले साल 74 साल की उम्र में निधन हो गया, पासवान ने दो शादियां की थी, 5 जुलाई 1946 को जन्मे पासवान की पहली शादी सिर्फ 14 साल की उम्र में राजकुमारी देवी से हुई थी, हालांकि राजकुमारी देवी को उन्होने 1981 में तलाक दे दिया, जिसकी वजह थी रीना शर्मा।

Advertisement

एयर होस्टेस से प्यार
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार रीना शर्मा एयरहोस्टेस थी, कहा जाता है कि रीना से रामविलास की मुलाकात हवाई सफर के दौरान हुई थी। पहली मुलाकात में पासवान रीना से प्रभावित हो गये, धीरे-धीरे दोनों की नजदीकियां बढती गई, पासवान ठेठ बिहारी और रीना एक पंजाबी लड़की थी। पहली पत्नी को तलाक देकर पासवान ने 1983 में रीना से शादी कर ली, काफी समय तक लोगों को इस बारे में नहीं पता था, पासवान ने भी कभी सार्वजनिक रुप से अपने प्रेम कहानी और परिवारिक मैटर को उजागर नहीं किया, रीना से चिराग के रुप में एक बेटा और एक बेटी है, रीना शर्मा दिल्ली में ही रहती है।

Advertisement

पहली पत्नी से तलाक पर विवाद
राजकुमारी देवी को तलाक देने का मसला राजनीतिक रुप से विवाद में आया था, रामविलास ने 2014 में पहली बार खुलासा किया था कि उन्होने राजकुमारी देवी को 1981 में तलाक दे दिया था। chirag paswan दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव में तब महागठबंधन में शामिल जदयू ने उनकी वैवाहिक स्थिति को लेकर नामांकन को चुनौती दी थी, हलफनामे में पहली पत्नी राजकुमारी देवी का जिक्र नहीं था, राजकुमारी देवी वैसे आज रामविलास के पैतृक गांव में ही रहती है, उनकी दो बेटियां है, दोनों की शादी हो चुकी है।

Advertisement

छात्र राजनीति से सक्रिय
साधारण दलित परिवार में पैदा हुए रामविलास पासवान कई सरकारों में मंत्री रहे, उन्होने एमए, एलएलबी तक की पढाई की थी, और छात्र राजनीति में आये, जेपी आंदोलन और मंडल के बाद दलित राजनीति से उनकी पहचान बनी, पासवान पहली बार 1969 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे, फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।