मुलायम की छोटी बहू का अखिलेश यादव ने काट दिया था टिकट, फिर ऐसे मिला मौका

मुलायम परिवार में झगड़ा चाहे जहां से भी शुरु हुआ हो, लेकिन झगड़े में सबसे ज्यादा तनातनी चुनावी सूची में टिकट देने को लेकर हुई थी, शिवपाल अपने लोगों को टिकट दिलाना चाहते थे, जबकि अखिलेश अपने लोगों को चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे।

New Delhi, Jun 30 : यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच का झगड़ा एक समय सुर्खियों में था, सपा के राजनैतिक विवाद से शुरु हुआ झगड़ा परिवार से ही शुरु हुआ था, चाचा शिवपाल यादव के करीबियों को अखिलेश ने पार्टी से अपदस्थ करना शुरु किया, बाद में अखिलेश के निशाने पर शिवपाल भी आ गये, अमर सिंह को मुलायम परिवार के झगड़े की जड़ बताया गया था, इसका नतीजा ये हुआ कि अखिलेश को जब मुलायम ने पार्टी से बर्खास्त कर दिया, तो अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव को ही सपा के अध्यक्ष पद से हटा दिया था, चुनावी सूची में जब टिकट देने की बारी आई, तो अखिलेश की पहली सूची में साधना गुप्ता की बहू अपर्णा यादव का नाम ही नहीं था, तो आइये आपको बताते हैं कि आखिर टिकट कटने के बाद भी अपर्णा को कैसे चुनाव लड़ने का मौका मिला था।

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टिकट को लेकर झगड़ा
मुलायम परिवार में झगड़ा चाहे जहां से भी शुरु हुआ हो, लेकिन झगड़े में सबसे ज्यादा तनातनी चुनावी सूची में टिकट देने को लेकर हुई थी, शिवपाल अपने लोगों को टिकट दिलाना चाहते थे, जबकि अखिलेश अपने लोगों को चुनावी मैदान में उतारना चाहते थे। अखिलेश और मुलायम की ओर से दो सूची बने थे, जिसमें टिकट देने वालों के नाम फाइनल हुए थे।

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अपर्णा का नाम नहीं
अखिलेश यादव ने तो साफ कह दिया था कि उनकी ही सूची के मुताबिक चुनावी टिकट दिये जाएंगे, आपको बता दें कि अखिलेश यादव की लिस्ट में मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का नाम नहीं था।

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फिर मिला टिकट
इस संबंध में इंडिया टीवी से बात करते हुए अपर्णा यादव ने कहा था कि उनका नाम अखिलेश यादव की पहली सूची में नहीं था क्योंकि तब वो चुनाव के लिये तैयार नहीं थी। अपर्णा ने बताया कि बाद में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मुलायम के कहने पर वो चुनाव के लिये राजी हुई थी, अपर्णा ने कहा कि जब वो चुनाव लड़ने के लिये राजी हुई, तो उन्हें टिकट मिल गया था, अपर्णा ने माना था कि उनके ससुर और जेठ के बीच वैचारिक मतभेद थे।