सस्पेंशन झेला, दंगों को कुचलने में बड़ा रोल, जानिये कौन हैं योगी के नये सिपहसलार DGP मुकुल गोयल

मुकुल गोयल के पास पुलिस के विभिन्न पदों पर रहते हुए काम करने का लंबा अनुभव है, वो साल 2004 में डीआईजी बने, कानपुर, आगरा और बरेली के डीआईजी रेंज रहे।

New Delhi, Jul 01 : यूपी के नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के पास ना सिर्फ इलेक्टिक इंजीनियरिंग की डिग्री है, बल्कि वो एमबीए भी हैं, इतना ही नहीं उन्होने डिजास्टर मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है, उनका फ्रेंच भाषा में भी अच्छा दखल है, वो वाराणसी, मेरठ के साथ ही गोरखपुर, हाथरस, आजमगढ में एसएसपी पद पर तैनात रह चुके हैं, अब यूपी में तैनाती के बाद उन पर निष्पक्षता से विधानसभा चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।

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लंबा अनुभव
मुकुल गोयल के पास पुलिस के विभिन्न पदों पर रहते हुए काम करने का लंबा अनुभव है, वो साल 2004 में डीआईजी बने, कानपुर, आगरा और बरेली के डीआईजी रेंज रहे, उन्हें साल 2009 में आईजी के पद पर पदोन्नत किया गया, वो नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स में आईजी के पद पर तैनात रहे, एडीजी बनने के बाद उन्हें साल 2013 सितंबर से मई 2016 तक एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया, नवंबर 2016 में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ में ज्वाइन करने से पहले वो यूपी में एडीजी सीबीसीआईडी और एडीजी रेलवे के पद पर भी तैनात रहे।

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राष्ट्रपति के गैलेंट्री पद से नवाजा गया
उन्हें 2013 में वीरता के लिये राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से नवाजा गया, साल 2003 में उन्हें दीर्घ एवं उत्कृष्ठ सेवाओं के लिये पुलिस पदक दिया गया, साथ ही उन्हें साल 2020 में केन्द्रीय गृह मंत्री का अति उत्कृष्ठ पदक भी दिया गया।

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विवादों से भी जुड़ा नाम
मुकुल गोयल के काम की खूब तारीफ हुई, लेकिन आपको बता दें कि विवादों से भी उनका नाता रहा है, कुछ ऐसी घटनाएं भी हुई, जब उनकी कार्यशैली पर सवाल ख़ड़े हुए, साल 2000 में उन्हें एसएसपी पद से सस्पेंड कर दिया गया था, दरअसल तब बीजेपी के पूर्व विधायक निर्भय पाल शर्मा की हत्या हो गई थी, वहीं इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार 2006 के कथित पुलिस भर्ती घोटाला मामले में 25 आईपीएस अधिकारियों के नाम आये थे, जिसमें मुकुल गोयल का भी नाम था।