उत्‍तराखंड में CM परिवर्तन के बाद बंगाल में ममता दीदी की उड़ी नींद, मंडराया बड़ा खतरा

उत्तराखंड को 6 महीने में तीसरा मुख्‍यमंत्री मिल गया, लेकिन क्‍या आप जानते हैं इस खबर से बंगाल में हलचल शुरू हो गई हे, जानें क्‍यों ममता दीदी टेंशन में हैं ।

New Delhi, Jul 03: उत्‍तराखंड में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार रात अचानक इस्तीफा दे दिया। रावत के इस्‍तीफे के बाद पार्टी ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई और नए सीएम के रूप में पुष्‍कर सिंह धामी को राज्‍य की कमान सौंप दी गई है । तीरथ का जाना ‘संवैधानिक संकट’ को टालना था, इस्‍तीफे की वजह पूर्व मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यही बताई । उन्‍हें 10 सितंबर से पहले उपचुनाव जीतना था, जो कि कोरोना के कारण संभव नहीं हो पा रहा था । इसी वजह से उन्‍हे इस्‍तीफा देना पड़ा । अब कुछ ऐसा ही हाल बंगाल का भी है ।

Advertisement

ममता दीदी की बढ़ी टेंशन
तीरथ सिंह रावत के इस्‍तीफे की वजह की तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी ये कदम उठाना पउ़ सकता है । दरअसल, बंगाल में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हुई थीं लेकिन उसके बाद भी वो ही मुख्यमंत्री बनीं। अब उन्‍हें छह माह के अंदर विधायक बनना होगा, वरना उन्हें भी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। लेकिन ये बिना चुनाव हुए नहीं हो सकता ।

Advertisement

क्‍या चुनाव कराने का रिस्‍क लेगा आयोग ?
उत्‍तराखंड में तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर से पहले चुनाव जीतकरpushkar singh dhami new cm of uttarakhand (2) विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव कराने से इनकार कर दिया । इसी तरह बंगाल में भी कोरोना संकट जारी है और ऐसे में चुनाव कराने का रिस्क चुनाव आयोग जल्द लेने वाला नहीं है, जिससे ममता बनर्जी का सिर दर्द बढ़ गया है। उनकी टेंशन बढ़ती जा रही है ।

Advertisement

क्‍या है नियम ?
दरअसल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के अनुसार, सीएम या मंत्री Mamta (1)अगर छह महीने तक राज्य के विधानमंडल के सदस्य नहीं बन पाते, तो उनका कार्यकाल इस अवधि यानी कि छह माह के साथ ही समाप्त हो जाएगा । आपको बता दें 10 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने थे, उन्‍हें 10 सितंबर तक विधायक बनना था। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से राज्य में उपचुनाव नहीं हुए। वहीं राज्य में सिर्फ 8 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं । वहीं ममता बनर्जी का भी 4 नवंबर 2021 तक विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है, नहीं तो उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ेगा।