तालिबान से जंग में भारतीय सेना की मदद लेगा अफगानिस्तान, जानिये पूरी खबर

इस बीच देश में शांति स्थापित करने के लिये अफगानिस्तान के नेता तालिबान से दोहा में वार्ता करने वाले हैं, टोलो न्यूज के अनुसार इन वार्ताकारों में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल हैं।

New Delhi, Jul 14 : अफगानिस्तान के अमेरिका तथा नाटो सैनिकों के वापस लौटने के बाद युद्धग्रस्त देश में अराजकता की स्थिति बन गई है, तालिबान का दावा है कि उसने अफगानिस्तान के 80 फीसदी हिस्सों पर कब्जा कर लिया है, तालिबान अफगानिस्तान में स्टेकहोल्डर के तौर पर अपनी मौजूदगी स्थापित करने के लिये तमाम देशों से संपर्क भी कर रहा है, तालिबान ये बताने की कोशिश में है कि वो बीस साल पहले जैसा था, वैसे नहीं रहा, अब बदल चुका है, पाकिस्तान भी तालिबान को अफगान सरकार में साझेदार बनाये जाने की हिमायत करता रहा है।

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दोहा में बातचीत
इस बीच देश में शांति स्थापित करने के लिये अफगानिस्तान के नेता तालिबान से दोहा में वार्ता करने वाले हैं, टोलो न्यूज के अनुसार इन वार्ताकारों में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल हैं, लेकिन अफगान ने कहा कि अगर तालिबान के साथ बात विफल रहती है, तो भारत की सैन्य सहायता मांग सकती है, भारत में तैनात अफगानिस्तान के राजदूत ने भारत की मदद लेने की बात कही है।

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क्या कहा
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने एनडीटीवी से बातचीत में स्पष्ट कहा, कि इस मदद के तहत सैनिकों को भेजना शामिल नहीं होगा, बल्कि अफगानी सैन्य बलों को ट्रेनिंग और तकनीकी मदद मुहैया कराना होगा, तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के प्रतिनिधि देश पर विद्रोहियों के बढते नियंत्रण के बीच बातचीत कर रहे हैं, अमेरिका ने ऐलान किया है, अफगानिस्तान में अगस्त के अंत उसका सैन्य मिशन पूरा हो जाएगा।

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सैन्य जीत के ऐलान के लिये तैयार
न्यूज एजेंसी एएफपी का दावा है कि दोहा में हो रही शांति वार्ता काफी हद तक विफल हो गई है, तालिबान अब पूरी तरह से सैन्य जीत का ऐलान करने के लिये तैयार है। fake army officer (1) अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा कि अगर तालिबान के साथ शांति वार्ता सफल नहीं हो पाती है, तो आने वाले सालों में हमें भारत की सैन्य मदद की जरुरत होगी, उन्होने स्पष्ट किया, हम भारत से ये मांग नहीं कर रहे हैं कि वो अफगानिस्तान में सेना भेजे।